Wednesday, November 6, 2024

ग्रीष्म ऋतु में ध्यान दें आहार-विहार पर

ग्रीष्म ऋतु ऐसी ऋतु है जब थोड़ा अधिक खा लिया तो स्वास्थ्य बिगडऩे में देर नहीं लगती। ग्रीष्म ऋतु में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है जिससे सादा भोजन लेना ही स्वास्थ्य हेतु अच्छा होता है। ग्रीष्म ऋतु में मनुष्य के शरीर का बल कम हो जाता है। यदि मनुष्य कुछ सूझ बूझ से शरीर से काम ले और भोजन पर विशेष ध्यान दे तो शरीर स्वस्थ रह सकता है।
ग्रीष्म ऋतु में प्रकृति भी कम साथ देती है क्योंकि चारों तरफ गर्म वातावरण होता है जिससे जठराग्नि मंद हो जाती है, भूख कम लगती है और भोजन आसानी से पच नहीं पाता।

ऐसी स्थिति में कम भोजन करना ही हितकर होता है। गर्मी के दिनों में ऐसे आहार कभी न लें जिनकी प्रकृति गर्म हो, पचने में भारी हों और तले हुए हों। ग्रीष्म काल में ऐसा आहार लें जो शीतलता प्रदान करे। गर्मी में तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए जिससे शरीर में जल की कमी न हो।

क्या लेें और क्या करें:-
ग्रीष्म ऋतु में जौ का सत्तू ठंडे पानी में चीनी के साथ घोलकर पिएं। सत्तू से प्यास भी बुझती है और यह बलवद्र्धक और कब्ज दूर करने में भी सहायक होता है।
दही की पतली लस्सी या दूध की लस्सी का सेवन लाभकारी होता है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है।
खस और चंदन के शर्बत का नियमित सेवन करना चाहिए।

छाछ पीते समय छाछ में भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक मिलाकर पियें। छाछ गर्मी से शरीर को बचाकर रखने में सहायक होती है।
ग्रीष्म ऋतु में हल्के आहार लें जो शीघ्रता से पच सकें।
दालें पतली बना कर खायें।

ग्रीष्म ऋतु में ककड़ी, खरबूजा, तरबूज, फालसे आदि फल का सेवन करें।
गर्मी में कच्चा प्याज, पुदीने, धनिए की चटनी का सेवन भी लाभप्रद है।
रात्रि में भोजन हलका और जल्दी कर लें ताकि सोने से पहले भोजन पचना शुरू हो जाये।
गर्मियों में प्यास को कभी भी रोके नहीं। प्यास लगने पर स्वच्छ जल का सेवन करें।

सब्जियों में करेला, टमाटर, घीये का सेवन नियमित करें।
ग्रीष्म ऋतु में खाने के बाद अवश्य कुछ समय के लिए आराम करें।
धूप में बाहर जाते समय सिर ढक कर निकलें। छाता और चश्मे का प्रयोग करें।

दिन में दो बार ताजे पानी से नहायें। इससे शरीर की दुर्गन्ध दूर होती है और गर्मी से छुटकारा मिलता है।
हल्के व्यायाम करें और धीरे धीरे बाग में टहलें।
सूती और हल्के रंगों के वस्त्र पहनें।

क्या न लें और न करें:-
ग्रीष्म ऋतु में गरिष्ठ भोजन का सेवन न करें। अधिक तले हुए मिर्च मसाले वाला भोजन कई विकार पैदा करते हैं।
एक ही बार में अधिक जल का सेवन न करें। थोड़ा-थोड़ा पानी बार-बार पिएं।
बाजारी बर्फ या बर्फ से बनी चीजों का सेवन न करें। इसके सेवन से पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है।

अधिक श्रम वाले काम न करें। इससे शरीर में कमजोरी का आभास होता है।
धूप में अधिक बाहर न निकलें।
रेशमी वस्त्र न पहनें।
ग्रीष्म ऋतु में देर तक न सोयें। इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
– नीतू गुप्ता

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