शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में पानीपत-खटीमा हाईवे पर जलालपुर बाईपास के निकट अज्ञात वाहन ने शमसपुर गांव के रहने वाले मजदूर 52 वर्षीय गजे सिंह को टक्कर मार दी, जिससे मेरठ के अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। गुस्साएं लोगों ने शव को हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खूब हंगामा किया।तहसीलदार और थाना प्रभारी ने किसी तरह लोगों को शांत कराया।
वही शमसपुर के रहने वाले नरेंद्र कुमार ने बताया कि उसके पिता 52 वर्षीय गजे सिंह कोल्हू पर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। वह अक्सर बीमार रहते थे। सोमवार की देर शाम करीब 7 बजे साइकिल पर सवार होकर बनत से वापस लौट रहे थे। बताया कि जैसे ही पानीपत-खटीमा हाईवे पर जलालपुर बाईपास के पास पहुंचे तो तीव्र गति से आ रहे किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे वह घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए जिला अस्पताल मे भर्ती कराया, जहां पर उनकी हालत को गंभीर देखते हुए मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया। मंगलवार की सुबह करीब 3 बजे उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
गुस्साएं लोग शव को हाईवे पर जलालपुर बाईपास के पास लेकर पहुंचे और जाम लगा दिया। ग्रामीणों का कहना था कि बाईपास पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। अब तक कई लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं। इसके बावजूद यहां पर फ्लाईओवर नहीं बनाया जा रहा ,न ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि हादसा कर भागने वाले चालक को पकड़ा जा सके।
सूचना पर आदर्श मंडी थाना पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया मगर वह नहीं माने। ग्रामीणों की पुलिस और तहसीलदार से भी नोकझोंक हुई। बाद में तहसीलदार के अधिकारियों को फ्लाईओवर के संबंध में रिपोर्ट भेजने के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए।
पुलिस का कहना हे कि अज्ञात वाहन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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गजे ही कर रहा था परिवार का पालन पोषण
ग्रामीणों ने बताया कि गजे के परिवार में एक बेटी और तीन बेटे हैं। गजे ही कोल्हू आदि में काम कर परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब उसकी मौत के बाद परिवार के समक्ष दो वक्त की रोजी रोटी का संकट आन खड़ा हो गया है। दोपहर बाद गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
दो दिन पूर्व भी हादसे में गई थी बाइक सवार की जान
ग्रामीणों ने कहा कि दो दिन पूर्व भी बाईपास पर हादसे में एक बाइक सवार की जान चली गई थी। हालांकि उ स समय परिजनों ने पुलिस कार्रवाई करने से इनकार कर कर दिया था।