Tuesday, April 23, 2024

‘रॉयल बुलेटिन’ के फोटो ने कर्नाटक समेत पूरे देश में मचाया हंगामा, मुस्लिमों द्वारा जैन मुनि पर हमले के रूप में किया गया वायरल

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मुजफ्फरनगर -रॉयल बुलेटिन में लगभग 6 साल पहले छपा एक फोटो आजकल कर्नाटक समेत देश-विदेशों में जमकर वायरल हो रहा है,फोटो इतना वायरल हो रहा है कि इस वायरल वीडियो के आधार पर सोशल मीडिया में भ्रामक समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं और विदेशी व राष्ट्रीय मीडिया फोटो की सच्चाई की खबरें प्रकाशित कर रहे हैं।

कर्नाटक में कांग्रेस की जबरदस्त जीत के बाद सोशल मीडिया पर एक समाचार प्रकाशित किया जा रहा है कि कर्नाटक में मुस्लिमों द्वारा जैन मुनि पर हमला कर दिया गया है। तस्वीरों में एक महिला व एक पुरुष दिख रहे हैं, जिनके सिर से खून की धार बह रही है, वहीं एक उम्रदराज व्यक्ति के कंधे पर चोट का निशान दिख रहा है।

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तीन फोटो के इस कोलाज में यह लिखा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद के रुझान आने शुरू, जैन मुनि के साथ की गई मारपीट।  सोशल मीडिया पर यह भी लिखा जा रहा है कि जैन मुनि को पीटते समय मुस्लिमों ने कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाए थे।

इन फोटो में एक फोटो रॉयल बुलेटिन का है, जो 2017 में प्रकाशित किया गया था, उसे भी जैन मुनि पर हमले से जोड़कर प्रकाशित किया जा रहा है। जिसके बाद लगातार देश विदेश की मीडिया में हंगामा मच गया और ‘आज तक’ ने बाकायदा फैक्ट चेक करके अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है, उसके अलावा कई विदेशी मीडिया द्वारा भी इसके बारे में छानबीन की गई हैं।

दरअसल जिस फोटो को कर्नाटक में हिंसा का दिखाया जा रहा है, वह फोटो 2017 का मुजफ्फरनगर की घटना से जुड़ा हुआ है।  मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के एक गांव में प्रेम संबंधों में बाधक बने युवक को उसकी पत्नी और प्रेमी ने लहूलुहान कर दिया था, जिसका फोटो रॉयल बुलेटिन में प्रकाशित हुआ था।

यह फोटो पश्चिम बंगाल चुनाव के समय भी वायरल हुआ था कि तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद वहां हिंसा बढ़ गई है और अब कर्नाटक चुनाव के बाद भी इसे जैन मुनि पर हमले के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है।  कुछ स्थानों पर यह पादरियों पर हमले के रूप में भी प्रचारित किया गया है, जिसके बाद विदेशी मीडिया में भी यह फोटो वायरल हो गया है कई मीडिया चैनलों ने रॉयल बुलेटिन से संपर्क करके इस फोटो की सत्यता की पुष्टि की और जिसके बारे में आज तक समेत सभी ने विस्तार से प्रकाशित किया है।  रॉयल बुलेटिन स्पष्ट करता है कि यह फोटो 2017 का मुजफ्फरनगर का है, जो हमारे संवाददाता द्वारा खींचा गया था, कर्नाटक की हिंसा से इस फोटो का कोई लेना देना नहीं है।

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