प्रयागराज। हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम रविवार को वायु सेना दिवस पर फ्लाई पास्ट का साक्षी बना। पहली बार हवाई प्रदर्शन में कुल 120 लड़ाकू, परिवहन विमानों और हेलीकाप्टरों ने सुग्रीव, लव-कुश और भरत फ़ॉर्मेशन में उड़ान भरकर इस एयर डिस्प्ले को आसमान में आध्यात्मिक रंग बिखेर दिए। संगम के ऊपर का आसमान वायु सेना के विमानों की गड़गड़ाहट से भर गया और हजारों लोगों ने घाटों, पुलों और सड़कों पर खड़े होकर आसमानी करतब के नज़ारे देखे।
प्रयागराज के गंगा और यमुना संगम पर डुबकी लगाने के लिए हर महीने लाखों श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं। यह पहला मौका था, जब वायु सेना ने अपने 91वें स्थापना दिवस पर अपनी वार्षिक परेड और भव्य फ्लाई पास्ट के लिए पवित्र संगम क्षेत्र को चुना। गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के संगम क्षेत्र का आसमान भारतीय वायु सेना के विमानों की गड़गड़ाहट से भर गया। प्रयागराज के लोगों को नजदीक से राफेल, सुखोई-30, जगुआर, तेजस, मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों से लेकर अपाचे और चिनूक जैसे हेलीकॉप्टरों के करतब देखने का मौका मिला। एयर डिस्प्ले में एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के अलावा सी-295, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस और सी-17 ग्लोबमास्टर जैसे भारी से मध्यम परिवहन विमानों ने भी अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
पहली बार हवाई प्रदर्शन में वायु सेना के कुल 120 लड़ाकू, परिवहन विमानों और हेलीकाप्टरों ने हिस्सा लिया। लड़ाकू सुखोई-30 एमकेआई, मिराज-2000, जगुआर, किरण एमके-II, तेजस, सी-130 हरक्यूलिस, आईएल-78, एएन-32, सीएच-47 चिनूक, एमआई-17 और लड़ाकू चेतक ने वायु सेना की व्यावसायिकता का प्रदर्शन किया। एक अन्य मुख्य आकर्षण में लड़ाकू सुखोई-30 ने एक एलसीए तेजस को और आईएल-78 ने लड़ाकू विमान मिराज-2000 को हवा में ही ईंधन भरने का प्रदर्शन किया। विमानों ने भीम, ध्वज, तिरंगा, नकुल, एकलव्य, भीष्म, पृथ्वी, गजराज, वरुणा, अर्जुन, शमशेर, बादल और त्रिशूल फ़ॉर्मेशन में उड़ान भरी।
हाल ही में भारतीय वायु सेना में शामिल किये गए फ्रांसीसी सी-295 परिवहन विमान ने ‘सुग्रीव’ फॉर्मेशन में उड़ान भरी। इसी तरह ‘लव-कुश’ फॉर्मेशन में एक-एक विंटेज विमान हारवर्ड और टाइगरमोथ शामिल हुए, जिन्होंने प्रयागराज के रनवे से उड़ान भरी। भारतीय वायु सेना के ‘भरत’ फॉर्मेशन में एक-एक राफेल, एलसीए तेजस और सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट शामिल हुए। भारतीय वायुसेना की शक्ति का प्रदर्शन करते हुए 120 विमानों और हेलीकॉप्टरों ने विभिन्न संरचनाओं में उड़ान भरी। स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस, सूर्य किरण एरोबेटिक्स टीम और सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम ने अपने सही समय पर और समकालिक युद्धाभ्यास से अपनी छाप छोड़ी।