नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बेंगलुरु के येलहनका स्थित वायुसेना स्टेशन में ‘एयरो इंडिया 2023’ के 14वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। एशिया का सबसे बड़ा एयरो शो डिजाइन नेतृत्व में देश की प्रगति, यूएवी क्षेत्र में वृद्धि, रक्षा अंतरिक्ष और भविष्य की प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करेगा।
इसके अलावा, यह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-तेजस, एचटीटी-40, डॉर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) जैसे स्वदेशी हवाई प्लेटफार्मो के निर्यात को भी बढ़ावा देगा।
एयरो शो लगभग 35,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है, यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा। इसमें 98 देशों की भागीदारी होने की संभावना है।
इस कार्यक्रम में 32 देशों के रक्षा मंत्रियों, 29 देशों के वायुसेना प्रमुखों और वैश्विक और भारतीय ओईएम के 73 सीईओ के भाग लेने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित 809 रक्षा कंपनियां आला प्रौद्योगिकियों में प्रगति और एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में वृद्धि का प्रदर्शन करेंगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, दसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, साफरान, रोल्स-रॉयस, लार्सन एंड टूब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में लगभग पांच लाख दर्शकों के शामिल होने की उम्मीद है और कई लाखों लोग टेलीविजन और इंटरनेट के माध्यम से जुड़ेंगे।
मंत्रालय के अनुसार, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड’ विजन के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों, प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 12 फरवरी को कर्टेन रेजर कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि एयरो इंडिया 2023 देश की विनिर्माण क्षमता और प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित ‘आत्मनिर्भर भारत’ को साकार करने की दिशा में हुई प्रगति को प्रदर्शित करेगा। यह आयोजन एयरोस्पेस और विमानन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
13-15 फरवरी कार्य दिवस होगा, जबकि 16-17 फरवरी जनता के दर्शन के लिए होगा। इस कार्यक्रम में एक रक्षा मंत्री सम्मेलन, एक सीईओ गोलमेज, मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम, बंधन समारोह, सांस लेने वाले एयर शो, एक बड़ी प्रदर्शनी, भारत मंडप और एयरोस्पेस कंपनियों का व्यापार मेला शामिल है।
रक्षा मंत्री ने रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को न केवल विभिन्न देशों के साथ भारत के क्रेता-विक्रेता संबंधों का प्रतिबिंब बताया, बल्कि वैश्विक समृद्धि के उनके साझा ²ष्टिकोण को भी बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि पांच दिनों तक चलने वाला कार्यक्रम, ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ की थीम पर, एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में भारत की वृद्धि को प्रदर्शित करके एक मजबूत और आत्मनिर्भर ‘न्यू इंडिया’ के उदय को प्रसारित करेगा।