Saturday, January 4, 2025

अमृतसर में पुलिस ने अपहृत श्रीलंकाई नागरिकों को छुड़ाया, दो गिरफ्तार

अमृतसर। अमृतसर पुलिस ने दो श्रीलंकाई नागरिकों का अपहरण कर फिरौती मांगने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों श्रीलंकाई नागरिक भारत में घूमने आए थे और उन्हें अल्बानिया का वर्क वीजा दिलवाने का झांसा दिया गया था। आरोपियों ने श्रीलंकाई नागरिकों को अमृतसर बुलाकर उनका अपहरण कर लिया और उनके दोस्तों से आठ हजार अमेरिकी डॉलर की फिरौती की मांग की। पुलिस ने मामले की सूचना मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की और दोनों किडनैप किए गए व्यक्तियों को होशियारपुर से बरामद कर लिया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने फिरौती के लिए श्रीलंकाई युवकों को होटल में रखा था और बाद में उन्हें साथ ले जाकर फिरौती की मांग की थी। अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने बुधवार को बताया कि आरोपियों ने एक साजिश के तहत इन युवकों को अपने जाल में फंसाया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले में आरोपियों द्वारा की गई धोखाधड़ी और अपहरण की योजना को नाकाम कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नर ने कहा, “दिल्ली में घूमने आए छह श्रीलंकाई नागरिकों को एक जालसाजी के तहत फंसाया गया। उनके एक साथी ने उन्हें यह झांसा दिया कि वह उन्हें अल्बानिया का वीजा दिलाएंगे और रोजगार का भी लालच दिया। इसके बाद उन्हें अमृतसर बुलाया गया, जहां एक पुरुष और एक महिला श्रीलंकाई नागरिक को बहाने से अपनी कार में बिठाकर ले गए।

वहां उन्होंने उनके साथियों को कॉल करके कहा कि यदि आठ हजार अमेरिकी डॉलर उनके खाते में ट्रांसफर नहीं किए गए, तो वे इन दोनों को नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने कहा, “जैसे ही पुलिस को इस बारे में सूचना मिली, हमने तुरंत कार्रवाई शुरू की। पहले तो पीड़ितों को सुरक्षित तरीके से मुक्त कराया गया और फिर आरोपियों का पीछा करते हुए पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ जारी है, और तीसरे आरोपी को भी जल्द पकड़ा जाएगा। इसके अलावा, वह श्रीलंकाई नागरिक, जिसने दिल्ली में परिचय कराया था, भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

“पुलिस कमिश्नर ने कहा, “यह एक चुनौतीपूर्ण काम था, क्योंकि हमारा मुख्य उद्देश्य था कि पीड़ितों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो। मामले को संवेदनशीलता के साथ हैंडल किया गया और प्राथमिकता दी गई कि उन्हें जल्दी से मुक्त कराया जाए, जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी बाद में की जा सकती थी। पीड़ितों ने बताया कि वे पहले तो घूमने के लिए आए थे, लेकिन पैसे के लालच में वे इस जालसाजी का शिकार हो गए। एक दिन के भीतर दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।”

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