मुजफ्फरनगर। पीड़ित बालियान के आवास पर दबंग खाकीधारी ने अवैध रुप से कब्जा कर लिया है। वही अपने मकान पर हक जताने आए पीड़ित को दबंगों द्वारा रास्ते से हटने की धमकी देते हुए जान से मारने की बात कहीं।
पीड़ित ने जिला प्रशासन से दबंगों से मकान को कब्जा मुक्त कराने की मांग की हैं। पीड़ित ने इंसाफ न मिलने की दशा में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को आत्मदाह की चेतावनी दी है। बुधवार को थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव शोरम निवासी पीड़ित राजेंद्र प्रसाद बालियान ने पुरानी तहसील मार्किट स्थित मीडिया सेंटर के पत्रकारों से वार्ता कर खाकीधारियों के जुल्मदृओदृसितम की आप बीती का हाल बताया।
उन्होंने बताया कि पड़ोस में रहने वाला सुशील कुमार जो अमरोहा में पुलिस विभाग में तैनात है, उसके द्वारा अपने दो भाइयों के साथ मिलकर अवैध रूप से मकान पर कब्जा कर जबरन निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था, जिसकी रोकथाम करने एवं अपना मालिकाना हक जताने पर दबंगों द्वारा पीड़ित को परिवार सहित गायब करने की धमकियां दी गई। पीड़ित ने दबंगो पर आरोप लगाते हुए बताया कि अधिकतर ड्यूटी से नदारद रहने वाले पुलिसकर्मी द्वारा अपने दो भाइयों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से रसीद बनाकर नाजायज कब्जा कर मन माने तौर से मकान में तोड़फोड़ की गई है एवं मकान का दुरुपयोग भी किया जा रहा है।
पीड़ित ने बताया कि उसके परिवार के अन्य सदस्य गांव से बाहर रहकर सर्विस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव में मकान खाली होने के कारण दबंग पुलिस कर्मी द्वारा फर्जी तरीके से मकान पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। आरोप है कि मकान पर कब्जा करने से इनकार करने एवं मकान को कब्जा मुक्त करने की बात कहने पर दबंगो द्वारा रोब गालिब करते हुए पीड़ित को परिवार सहित जान से करने की धमकी दी गई, जिसे पीड़ित काफी घबराया हुआ है। पीड़ित राजेंद्र प्रसाद बालियान द्वारा पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
उनका कहना है कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को पूरे मामले की जानकारी होने के बावजूद भी कोई किसी प्रकार की कार्यवाही अभी तक अमल में नहीं लाई गई है। आरोप है कि पुलिस प्रशासन द्वारा खाकी धारियों से साज करने का प्रयास कर रहा हैं।
पीड़ित ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से जल्द इंसाफ दिलवाए जानें की मांग की हैं। पीड़ित राजेंद्र प्रसाद बालियान ने बताया कि मकान पर किए गए अवैध रूप से कब्जे को हटवाने के लिए माननीयों से भी मिन्नत की गई, मगर कोई किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाई।