नई दिल्ली। कई राज्य बिजली नियामक आयोगों (एसईआरसी) में बिना अध्यक्षों और सदस्यों की पर्याप्त संख्या के कार्य करने और लंबे समय से पद खाली रहने से चिंतित केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने राज्य सरकारों से सभी रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से भरने को कहा है। ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने हाल ही में सभी मुख्य सचिवों को यह इंगित करते हुए पत्र लिखा था कि इन आयोगों में खाली पड़े पद उनके सुचारु कामकाज में बाधा डालते हैं और इसलिए उन्हें रिक्तियों को भरने में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि एसईआरसी उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इसलिए उनके सुचारु संचालन के लिए अध्यक्षों और सदस्यों के पदों पर रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से भरा जाना चाहिए।
मंत्रालय ने राज्य सरकारों को बताया कि इसके लिए राज्यों को सेवानिवृत्ति से छह महीने पहले या अध्यक्षों या सदस्यों के कार्यकाल की समाप्ति से छह महीने पहले चयन समितियों को संदर्भ देने की जरूरत है।
एसईआरसी में अध्यक्षों और सदस्यों की रिक्तियों को भरने में तेजी लाने के लिए बिजली मंत्रालय से राज्यों को निर्देश, इस तथ्य के आलोक में आया है कि ऐसे कई आयोग हैं, जहां शायद ही कोई ताकत है।
इसका एक मामला दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) का है, जिसमें कर्मचारियों की कमी है। डीईआरसी के तीन सदस्यीय आयोग में एक अध्यक्ष और दो पूर्णकालिक सदस्य होते हैं। पूरे साल राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित होने वाले महत्वपूर्ण जी20 कार्यक्रमों के साथ डीईआरसी, नवनियुक्त अध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव (जिनकी नियुक्ति पिछले महीने दिल्ली सरकार द्वारा अनुमोदित की गई थी) के अलावा, केवल एक तकनीकी सदस्य ए.के. अंबष्ट हैं। विधिक सदस्य का पद इस समय रिक्त है।