Saturday, November 16, 2024

झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रकट किया दुख

झांसी। उत्तर प्रदेश की झांसी में ‘महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज’ में शुक्रवार को एनआईसीयू वार्ड में आग लगने से 10 नवजात की मौत हो गई। इसको लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख प्रकट किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झांसी की घटना को हृदय विदारक बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी में हुई दुर्घटना में कई नवजात शिशुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत हृदय विदारक है।

ईश्वर, शोक संतप्त माता-पिता और परिवारजनों को, यह क्रूर आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करें। मैं घायल हुए शिशुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।’ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना को अत्यंत दुख पहुंचाने वाला बताया।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘ झांसी (उत्तर प्रदेश) के मेडिकल कॉलेज में हुई दुर्घटना में बच्चों की मृत्यु के बारे में जानकर अत्यंत दुख पहुंचा है। मैं उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं, साथ ही जो बच्चे घायल हैं मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना करता हूं।’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को हृदयविदारक बताते हुए जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर राहत और बचाव कार्य करने को कहा है।

उन्होंने शुक्रवार रात ‘एक्स’ पर लिखा था, ‘जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है। जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।’ वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिजनों को सरकार की तरफ से मुआवजा राशि देने का ऐलान किया।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में अग्निकांड की हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मृतक बच्चों के पीड़ित परिजनों को 5-5 लाख एवं घायलों को 50-50 हजार रुपये उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिए जाने का निर्णय लिया गया है। मैं ईश्वर से घायल नवजात शिशुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की करता हूं। मैं और मेरी सरकार प्रदेशवासियों के हर दुख, हर परिस्थिति में उनके साथ हैं।

“बता दें कि हादसे को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई। आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजन युक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई। कई बच्चों को बचा लिया गया। 10 बच्चों की मौत हो गई। घायल बच्चों का इलाज चल रहा है

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