Thursday, May 9, 2024

प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिन तक किया कठोर तप, आ गई पावन घड़ी,शाम होते ही दस लाख दीपों से जगमगाएगी राम नगरी

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नई दिल्ली। आज दोपहर सदियों का इंतजार खत्म होगा। अपने धाम में प्रभु श्रीरामलला ठाट-बाट से विराज जाएंगे। चहुंओर खुशियों के आंसू बरस रहे हैं। अयोध्याधाम सज-धजकर पूरी तरह तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को होने वाले श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से पहले 11 दिन तक कठोर तप किया।

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने अपने पोर्टल पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पूर्व संध्या पर 11 दिन की इस तपस्या पर ”शब्द चित्र” जारी किया है। पीआईबी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 जनवरी को नासिक के काला राम मंदिर से 11 दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत की। इसके सम्पन्न होने के साथ ही 22 जनवरी को अयोध्याधाम मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। उन्होंने नासिकधाम के पंचवटी से अनुष्ठान की शुरुआत की। यहां भगवान श्रीराम ने महत्वपूर्ण समय बिताया था।

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प्रधानमंत्री ने यहां श्री रामकुंड के दर्शन कर पूजा की। इस मौके पर प्रधाममंत्री ने रामायण का ‘युद्ध कांड’ खंड मराठी भाषा में सुना। प्रधानमंत्री ने संत एकनाथ की मराठी में लिखी भावार्थ रामायण के श्लोक भी सुने। इसके बाद प्रधानमंत्री 16 जनवरी को आंध्र प्रदेश स्थित पुट्टपर्थी के लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर में दर्शन और पूजा की। प्रधानमंत्री ने तेलुगु भाषा में रंगनाथ रामायण सुनी और आंध्र प्रदेश की प्राचीन छाया कठपुतली कला थोलू बोम्मालता द्वारा चित्रित जटायु की कहानी देखी। प्रधानमंत्री ने केरल के गुरुवयूर मंदिर में भी दर्शन और पूजा की। अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के त्रिप्रयार में श्री रामास्वामी के दिव्य निवास का दौरा किया। उन्होंने श्री रामस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा की। प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा और कलाकारों और बटुकों को सम्मानित भी किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जनवरी को तमिलनाडु में श्री रंगनाथस्वामी के पवित्र मंदिर का दौरा किया। उन्होंने उस पवित्र स्थल पर कंब रामायण की काव्यात्मक प्रस्तुति भी सुनी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अरुलमिगु रामनाथस्वामी के पवित्र निवास, रामेश्वरम का दौरा किया। उन्होंने भगवान को श्रद्धा और भक्ति अर्पित की, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में पूजनीय हैं। वह भजन संध्या जैसे विभिन्न कार्यक्रमों में भी शामिल हुए। शाम को मंदिर परिसर में कई आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किए गए। प्रधानमंत्री मोदी प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर धनुषकोडी के कोठंडारामास्वामी मंदिर पहुंचे। यहां पूजा करने के बाद अरिचल मुनाई गए। कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था।

देखते ही बन रही है राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा

अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से भव्य रुप से सजाया गया है। चारों तरफ उत्सव सा माहौल है। जन्मभूमि पथ से लेकर राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा देखते ही बन रही है।

देश भर की परंपराओं और कला का हो रहा समागम

सांस्कृतिक नृत्य और वादन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर प्रदेश के साथ-साथ देश भर की परंपराओं और कला का समागम हो रहा है। हर तरफ भगवान राम के भजन सुनने को मिल रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों रघुनंदन के अभिनंदन के लिए पूरा स्वर्ग ही धरती पर उतर आया है। शबरी के, केवट के, दमितों और वंचितों के, सबके श्रीराम आ रहे हैं और वो पीढ़ी धन्य हो रही है, जिसे इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का सौभाग्य मिल रहा है।

अवध में उत्सव है भारी, दीपोत्सव की भी तैयारी

प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर परिसर को भी देश के विविध क्षेत्रों से लाये गये फूलों से सजाया गया है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाए गए हैं। विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है।

धार्मिक अलख जगा रही लेजर शो

लता चौक पर लगी वीणा को भी लाइटिंग और फूलों के अद्भुत संगम से रौशन किया गया है। पूरे अयोध्या धाम में म्यूरल पेंटिंग और वॉल पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीराम की जीवनी से जुड़े अलग-अलग अध्यायों का चित्रण किया गया है। राम की पैड़ी में सरयू आरती के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लेजर शो धार्मिक अलख जगा रही है।

12 बजे के बाद शुरू होगा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम

भगवान श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी एक दिन पहले ही अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं। वहीं प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10.25 पर अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुचेंगे। 10.45 पर अयोध्या हेलीपैड पर उनका आगमन होगा। यहां से वो सीधे राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचेंगे। इसके बाद 11 बजे से 12 बजे तक वह विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेंगे, जबकि दोपहर 12.05 बजे से 12.55 तक प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। दोपहर एक बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ही पूरे देश और दुनिया को संबोधित करेंगे।

काशी के आचार्य कराएंगे प्राण प्रतिष्ठा

समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे तथा काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेगी।

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