प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य है भारत को नम्बर-1 बनाना। वह इसके लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं। इसी प्रयास में आज जो व्यवस्था हवाई जहाज में है वह अब रेलवे स्टेशनों पर मिलेगी।
यह बातें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को प्रयागराज जंक्शन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये पूरे भारत में पुनर्विकास के शिलान्यास के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश भर के 1309 रेलवे स्टेशनों का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकास किया जा रहा है। इन स्टेशनों में से 508 स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री द्वारा आज रखी जा रही है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण की दिशा में और भारत सरकार के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। देश भर में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्टेशनों के रूप में विकसित करने का काम तेजी से किया जा रहा है। तीन स्टेशनों पर काम पूरा हो गया है। इनमें मध्य प्रदेश का रानी कमलापति स्टेशन, कर्नाटक के बेंगलुरु का सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन और गुजरात का गांधीनगर स्टेशन हैं। ये स्टेशन आधुनिक भारत की भव्य तस्वीर पेश करते हैं। इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं।
कौशाम्बी सांसद विनोद सोनकर ने अपने जनपद के विकास के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी। सांसद केशरी देवी पटेल ने वन्दे भारत की बात करते हुए बधाई दी। कहा कि सबसे ज्यादा धन प्रयागराज मंडल के विकास के लिए मिला है। क्योंकि यहां कुम्भ मेला लगता है और यहां की महिमा विश्व विख्यात है। विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण भाषा भारत है। रेलवे स्टेशन में बहुत सुधार हुआ है। जो आनंद चीन और जापान में मिलता है वह अब यूपी में मिलेगा।
मंडल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी ने कहा कि इनमें से 55 स्टेशन उत्तर प्रदेश के हैं और 07 स्टेशन प्रयागराज मंडल के हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के अतंर्गत उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल के अतंगर्त 15 स्टेशनों पर कार्य होना है। जिनमें विन्ध्याचल, फतेहपुर, पनकी धाम, मिर्जापुर, गोविन्दपुरी, मानिकपुर, टूंडला, इटावा, अनवरगंज, फिरोजाबाद, चुनार, खुर्जा, शिकोहाबाद, मैनपुरी एवं सोनभद्र हैं।
मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि यात्रियों के सुचारू रूप से आवाजाही के लिए इन स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर के अलावा आधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉनकोर्स, वेटिंग रूम और कमर्शियल क्षेत्र विकसित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अमृत भारत स्टेशनों के अतिरिक्त प्रयागराज एवं कानपुर स्टेशनों का वृहद पुनर्विकास कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत इन स्टेशनों को विश्व स्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रयागराज स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य 960 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है। जो पूरे देश में सर्वाधिक है। इसके अंतर्गत स्टेशन के दोनों ओर 8 मंजिला स्टेशन भवन का निर्माण, जिसमें प्रथम 3 मंजिल पर रेल संबंधी कार्यालय एवं यात्री सुविधाओं तथा ऊपर की मंजिलों पर वाणिज्यिक विकास का प्रावधान किया गया है। सिविल लाइंस साइड में अंडरग्राउंडपार्किंग एवं एकीकृत परिवहन की व्यवस्था की गई है। साथ ही स्टेशन के सिविल लाइंस साइड की ओर तीसरे मार्ग से सातवें मार्ग तक सभी जर्जर रेलवे आवासों को तोड़कर सर्कुलेटिंग एरिया का विकास किया जाना है।
उन्हाेंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर 72 मीटर चौड़े दो कॉनकोर्स का भी निर्माण किया जाना है जो रेलवे लाइन एवं प्लेटफॉर्मों के ऊपर बनाया जाएगा। जिसमें 9,000 यात्रियों के बैठने हेतु व्यवस्था होगी। यात्रियों के आने-जाने के लिए सभी प्लेटफॉर्मों पर लिफ्ट एवं एस्केलेटर की सुविधा प्रदान की जाएगी।
इसी प्रकार कानपुर स्टेशन पर 767 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन का वृहद पुनर्विकास प्रस्तावित है। जिसमें सिटी साइड (घंटाघर) में नए स्टेशन भवन का निर्माण, कॉनकोर्स/फूड प्लॉजा का निर्माण, यात्रियों के लिए प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए लिफ्ट एवं एस्केलेटर का प्रावधान, रेलवे स्टेशन का मेट्रो केसाथ एकीकरण एवं कुल 93100 वर्ग मीटर यात्री एवं वाणिज्यिक स्थान का विकास सम्मिलित है।
इस मौके पर सांसद, विधायक एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों सहित शहर के नागरिक, स्कूली बच्चे, खिलाड़ी, स्वतंत्रता सेनानी और विशेष रूप से क्षेत्र के पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं सहित सामान्य जनमानस उपस्थित रहे।