Saturday, November 23, 2024

राहुल गांधी की तरह नेतानगरी नहीं, कोर्ट की सजा को स्वीकार्य कर उच्च न्यायालय में करूंगा अपील : रामशंकर कठेरिया

इटावा। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया ने आगरा के एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के मामले पर उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सजा सुनाए जाने के बाद उच्च न्यायालय में अपील करने की बजाय नेतानगरी करते रहे, इस वजह से लोकसभा स्पीकर ने उनकी सदस्यता को खत्म किया था। वह अपनी सजा के मामले में उच्च न्यायालय में अपील करेंगे और लोकसभा स्पीकर का जब तक कोई निर्देश नहीं मिलेगा, तब तक वह सांसद के तौर पर सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होते रहेंगे।

वह रविवार को इटावा रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वीडियो कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।

उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधार शिला रखने के क्रम के इटावा रेलवे स्टेशन को भी शामिल किया गया। केन्द्र सरकार द्वारा इटावा रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए तैतीस करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है। इस बजट से इटावा रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास विश्वस्तरीय स्टेशन की तर्ज पर किया जाएगा।

रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेस के जरिए इटावा रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इस मौके पर मुख्य अतिथि बतौर इटावा लोकसभा सीट से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया ने शिरकत की। सांसद के साथ सदर विधायक सरिता भदौरिया, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी समेत सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

सांसद रामशंकर कठेरिया ने संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश के 508 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्टेशन की तरह पुनर्विकसित करने की आधार शिला रखी है। उन्होंने आगरा की एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा दो साल के कारावास की सजा और पचास हजार रुपये के जुर्माने के मामले में बोलते हुए कहा कि वह इस सजा के मामले में उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

उन्होंने कहा कि बसपा के शासन काल में आगरा के शमसाबाद रोड पर रहने वाली एक महिला कपड़ों पर प्रेस करके अपने बच्चों का पालन पोषण करती थी। उसका एक लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल आया। इसे लेकर उक्त महिला कई बार टोरेंट के ऑफिस गई, लेकिन उसे राहत नहीं मिली। उसके बाद पीड़िता मेरे पास आई और दस हजार रुपये में उसका फैसला हुआ। महिला जब पैसे जमा करने गई तो वहां पर उसके साथ अभद्रता और मारपीट की गई थी, जिसके बाद वह महिला अपने बच्चों को लेकर मेरे आवास पर आई और आत्महत्या करने की बात कहने लगी। मैं उसे तत्काल टोरेंट बिजली ऑफिस लेकर गया और उसका पैसा जमा करवाया।

उन्होंने बताया कि वहां पर कोई भी इस तरीके की घटना घटित नहीं हुई थी, लेकिन बीएसपी सरकार चाहती थी कि कोई भी टोरेंट कंपनी का विरोध न करे, इसलिए मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज करवाकर एक संदेश देने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के द्वारा सुनाई गई सजा को वह स्वीकारते हैं तथा इस मामले पर वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उन्हें भरोसा है कि मुझे उच्च न्यायालय से न्याय मिलेगा।

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