Sunday, September 8, 2024

शुक्रतीर्थ में गंगा स्वच्छता को जारी हैं निजी प्रयास, गन्दा पानी छोड़ने वालों पर कार्रवाई की दरकार

मोरना। गंगा स्वच्छता व नदी संरक्षण तथा जैव विविधता को सुरक्षित करने के अभियान के अन्तर्गत शुकतीर्थ में गंगा पूर्ण स्वच्छता अभियान समाजसेवियों द्वारा जारी है। गंगा में अक्सर कैमिकल युक्त पानी आ जाने से बड़ी संख्या में जलीय जन्तुओं की मौत हो चुकी है तथा जैव विविधता को भारी नुकसान होता रहता है।

उत्तराखंड की फैक्ट्रियों द्वारा कैमिकल युक्त पानी छोड़े जाने से शुकतीर्थ क्षेत्र में पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है। गंगा में विषैला पानी आने पर साधु सन्तों ने कड़ा रोष प्रकट करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाती रही है। वहीं लक्सर में स्थित फैक्ट्री पर कैमिकल युक्त पानी छोड़ने के आरोप में भोपा थाने पर मुकदमा दर्ज हो चुका है, किन्तु भविष्य में इन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो ऐसा कोई उपाय न होने से पुन: गंगा में विषैला पानी आ जाने की आशंका बनी हुई है।

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ठोस उपाय व गंगा में कैमिकल युक्त पानी छोड़ने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से गंगा रक्षक समाज सेवियों एवं अधिवक्ताओं ने ने न्यायालय की शरण ली है। गंगा संरक्षण व स्वच्छता के लिये सरकार कितने भी दावे करे, किन्तु ठोस उपाय न होने से गंगा स्वच्छता अभियान आज भी अधूरा नजर आता है।

प्राचीन तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में स्थित गंगा में स्नान करने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर दराज से आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा व ज्येष्ठ दशहरा के अवसर गंगा स्नान मेले का आयोजन बड़े स्तर पर होता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं। इसके अलावा अन्य धार्मिक पर्वों पर बड़ी संख्या श्रद्धालु मन्दिरों के दर्शन करने के लिये आते हैं।

श्रद्धा और आस्था से जुड़ी गंगा का धार्मिक महत्व होने के बावजूद गंगा स्वच्छता को लेकर शासन प्रशासन गम्भीर नजर नहीं पड़ता है। शुकतीर्थ में बीते वर्ष 1० जुलाई 2०23 को गंगा में विषैला पानी आने से अनेक जलीय जन्तुओं की मौत हो गयी थी, जिसमें लक्सर स्थित फैक्ट्री पर गन्दा पानी छोडऩे को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था, इसके अलावा 2०18 में भी इसी फैक्ट्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। कोई भी ठोस कार्रवाई व कोई उपाय न होने से अभी भी शुकतीर्थ गंगा में गन्दा पानी आने की आशंका बनी हुई है।

इसी आशंका को लेकर समाजसेवियों द्वारा न्यायालय में याचिका डालकर गंगा स्वच्छता अभियान के तहत गंगा में गन्दा पानी छोडऩे वाली लक्सर स्थित इकाई की जवाबदेही तय करने व कार्रवाई करने की मांग की गयी। इसी के मद्देनजर बीते 14 सितम्बर को शुकतीर्थ गंगा घाट पर पहुँच एक संयुक्त टीम ने गंगा का निरीक्षण भी किया था।  अपर जिलाधिकारी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल मिशन फ़ॉर क्लीन गंगा आदि के अधिकारियों द्वारा मौके पर निरीक्षण किया गया था। समाजसेवी व याचिका कर्ता राहुल खुराना एडवोकेट, हासिल जैन एडवोकेट, शाईम हसन एडवोकेट, फराह खान एडवोकेट के अनुसार संयुक्त टीम द्वारा 86 पेज की एक रिपोर्ट उक्त द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत की गयी, किन्तु उस समय आरोपी इकाई की वार्षिक बन्दी के कारण न्यायालय द्वारा दोबारा जांच के आदेश सम्बंधित विभागों को दिये गये हैं, जिसमें 31 जनवरी को पुनः: जाँच होने की बात बताई गयी है।  गंगा की पूर्ण स्वच्छता के लिये शासन प्रशासन को सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है, जिसमें गन्दे पानी को गंगा में आने से रोकना भी शामिल है।

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