नई दिल्ली। सरकार द्वारा संजय सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) की नई कार्यकारिणी को निलंबित करने की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि सरकार झूठी खबर फैला रही है क्योंकि केवल उसकी गतिविधियां ही रोकी गई हैं ताकि भ्रम फैलाकर आरोपियों को बचाया जा सके।
एक्स पर एक पोस्ट में प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”भाजपा सरकार कुश्ती संघ को भंग करने की झूठी खबरें फैला रही है। कुश्ती संघ को भंग नहीं किया गया है, सिर्फ उसकी गतिविधियों पर रोक लगाई गई है ताकि भ्रम फैलाकर आरोपियों को बचाया जा सके।”
केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ‘एक पीड़ित महिला की आवाज दबाने के लिए इस स्तर तक गिर गये? जब देश का नाम रोशन करने वाली मशहूर खिलाड़ियों ने भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया तो सरकार आरोपियों के साथ खड़ी थी। पीड़ितों पर अत्याचार किया गया और आरोपियों को इनाम दिया गया। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और गृह मंत्री (अमित शाह) सुनना भी नहीं चाहते। गृह मंत्री आंदोलन समाप्त करने के लिए महिला पहलवानों को दिया गया आश्वासन भूल गए।”
उन्होंने आरोप लगाया, “अहंकार की पराकाष्ठा यह है कि जिस भाजपा सांसद पर महिला खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है, उसने खुद फैसला किया कि अगला राष्ट्रीय खेल उनके ही जिले में, उनके ही कॉलेज के मैदान पर खेला जाएगा। इस अंधेरे और अन्याय से हारकर ओलंपिक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी, और जब खिलाड़ियों ने अपने पुरस्कार लौटाने शुरू कर दिया, तो सरकार अफवाह फैला रही है।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “जहां भी किसी महिला पर अत्याचार होता है, यह सरकार अपनी पूरी ताकत लगाकर आरोपियों को बचाती है और पीड़िता पर अत्याचार करती है। आज हर क्षेत्र में महिला नेतृत्व की बात हो रही है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग आगे बढ़ने वाली महिलाओं को परेशान करने, दबाने और हतोत्साहित करने में लगे हुए हैं। देश की जनता, देश की महिलाएं यह सब देख रही हैं।”
उनकी यह टिप्पणी खेल मंत्रालय की रविवार की इस घोषणा के बाद आई है कि उसने संजय सिंह की अगुवाई वाली डब्ल्यूएफआई की नई कार्यकारिणी को राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करने की ‘जल्दबाजी’ में की गई घोषणा के कारण निलंबित कर दिया है।
डब्ल्यूएफआई चुनावों में संजय सिंह के नेतृत्व वाले पैनल की जीत के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा की। मशहूर पहलवान बजरंग पुनिया ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा की।
प्रियंका गांधी भी मलिक और पुनिया से मिलने गईं थीं और कहा था कि वह अन्याय के खिलाफ उनकी लड़ाई में खड़ी रहेंगी।