यमुनानगर, अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में कैदियों और बंदियों की मेहनत से तैयार किए गए आयुर्वेदिक प्रोडक्ट के साथ-साथ फर्नीचर और कई अन्य प्रोडक्ट की धूम देखने को मिलेगी।
यमुनानगर जिला जेल के पुलिस अधीक्षक विशाल छिब्बर ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में पत्रकारों को बताया कि जेल के बंदियों द्वारा बनाए गए कई उत्पादों और फर्नीचर को गीता जयंती में लगी प्रदर्शनी में काफी पसंद किया गया था। उसके बाद उसके बाद हमें लोगों की इन उत्पादों के प्रति रुचि का पता चला। जेल में बंदी लोगों की पसंद के अनुसार आयुर्वेदिक उत्पाद, लकड़ी का फर्नीचर, लोहे की अलमारियां और अस्पताल के बेड बनाते हैं। उन्होंने बताया कि 22 तरह के आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने के लाइसेंस हमारे पास है। हमारी सामान बनाने में जो लागत आती है। उस पर 10 प्रतिशत का लाभ लेते हैंए जो सरकार के खाते में जाता है। इन सभी उत्पादों को सूरजकुंड मेला की प्रदर्शनी में भेजेंगे। उन्होंने बताया कि हमारे जेल में एक सौ रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक के उत्पाद जेल में बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जेल में बंदी कारपेंटर, आयरन और आयुर्वेदिक सेक्शन में 50-60 लोगों की टीम काम करती है। पूरी मेहनत से हर चीज को बनाया जाता है। इन उत्पादों को ऑनलाइन बेचे जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेलों को लेकर लोगो मे गलत धारणा है। बंदियों का पुनरूत्थान हो सके। वो अच्छे कारीगर बने इसके लिए हमारा प्रयास है कि वें बाहर जाकर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर अपना सही जीवन यापन करें।