शौच से पूर्व सुबह के समय गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर नियमित पिएं।
संतुलित भोजन का सेवन करें।
अधिक चाय-कॉफी का सेवन न करें।
पानी का सेवन अधिक करें। दिन में आठ से दस गिलास जल पिएं। भोजन करते समय पानी न पिएं। कम से कम 20-25 मिनट का अंतराल रखें।
भोजन में मैदा और मैदे से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। अचार, चावल, डिब्बाबंद भोजन कम से कम करें।
सप्ताह में एक बार तरल आहार पर रहें। संतरे का रस और ताजी सब्जियों का सूप आदि लें।
भोजन में चोकर, शहद, सलाद, पत्तेदार सब्जियां, रेशे वाले फल, खजूर, दूध की मात्रा बढ़ा देें।
ताजी हवा में घूमें तथा व्यायाम करें। रात्रि में भोजनोपरान्त टहलें।
भोजन चबा-चबा कर खायें।
भोजन लेते समय कोई काम साथ साथ न करें। भोजन का पूरा आनंद उठायें।
अधिक उबले अंडे और मांसाहारी भोजन कब्ज पैदा करता है।
समय पर सोयें और समय से जागें। देर रात तक जागने से नींद पूरी होती है तो भी कब्ज हो जाती है।
कब्ज होने पर ईसबगोल का इस्तेमाल करें। कुछ दिन तक उसे भोजन का अंश बना लें। भोजन से आधा घंटा पहले ताजे या बिल्कुल गुनगुने पानी से खायें।
नहाते समय पेट और कमर पर पानी का दबाव अधिक डालें। ताजे पानी से स्नान करें।
दस्त लाने वाली दवाओं से बचें। भोजन समय पर लें। उचित समय पर भोजन न लेने से आंतें ढीली पड़ जाती है। लम्बे समय तक बैठे न रहें। चलते फिरते रहें। दिन में दो बार मल त्यागने का प्रयास करें।
– सुनीता गाबा