Friday, September 20, 2024

पाकिस्तान में सेना मुख्यालय में घुसे प्रदर्शनकारी,पेशावर में चार की मौत, रेडियो पाकिस्तान की इमारत में लगाई आग, सेना बुलाई

नई दिल्ली/ इस्लामाबाद- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी का हिंसक विरोध बढ़ता ही जा रहा है। पूरे देश में आगजनी व हिंसा की घटनाएं कल से भी ज्यादा तेज हो गयी हैं। बुधवार को हालात इतने बदतर हो गए हैं कि रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में प्रदर्शनकारी घुस गए हैं। तीन प्रांतों में इंटरनेट सेवा रोकी गई है और सभी सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। आज सैकड़ों हिंसक प्रदर्शनकारियों ने रेडियो पाकिस्तान पेशावर की इमारत में आग लगा दी। इस विरोध प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य लोग घायल हुए हैं।

आज हमले के दौरान उन्होंने इमारत में तोड़फोड़ की, कर्मचारियों पर हमला किया और पाकिस्तान के संस्थापक कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना के चित्रों सहित अंदर के लेखों को आग लगा दी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि रेडियो पाकिस्तान की इमारत में खड़े वाहनों में भी आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने कैमरे, माइक्रोफोन और अन्य कार्यालय उपकरण तथा उपकरणों सहित सरकारी संपत्ति को लूट लिया।
प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास करने वाले कर्मचारियों पर हमला किया, जिसमें महिलाओं सहित कुछ लोग घायल हो गए।
सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को पीटीआई नेताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। टीमों को पीटीआई नेता कामरान बंगश, फजल इलाही, अरबाब जहांदाद, शौकत अली के आवासों पर छापेमारी करने को कहा गया है।
आज सुबह हिंसक विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने वाले पीटीआई के पूर्व सांसदों के कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण शुरू कर दिया गया है।
रेडियो पाकिस्तान के डीजी ताहिर हसन ने कहा कि पूरी इमारत में आग लगा दी गई और सभागार का सारा फर्नीचर तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया।
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान का सबसे पुराना और सबसे ऐतिहासिक रेडियो स्टेशन था।

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प्राप्त रिर्पोट के अनुसार भ्रष्टाचार के एक मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के एक दिन बाद हिंसा हुई। लेडी रीडिंग अस्पताल पेशावर के प्रवक्ता ने मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि की है। हमलावरों ने रेडियो पाकिस्तान की इमारत का गेट तोड़कर परिसर में घुस गए। उन्होंने कथित तौर पर समाचार कक्ष और रेडियो स्टेशन के विभिन्न अन्य हिस्सों में तोड़फोड़ की।

अल कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान की मंगलवार को हुई गिरफ्तारी की वजह से आगजनी व हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। आरोप है कि इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनकी पार्टी के कई अन्य नेताओं ने इस्लामाबाद की रियल स्टेट कंपनी बाहरिया टाउन से करीब पांच अरब रुपये और सैकड़ों कनाल जमीन ली थी।

आरोप है कि यह जमीन दान के रूप में गैर-लाभार्थी संगठन अल कादिर ट्रस्ट को दी गई। खास बात ये है कि इस ट्रस्ट में बस दो ही ट्रस्टी इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी हैं। आरोप है कि इस समझौते के चलते देश के खजाने को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।

इमरान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान सुलग रहा है। बताया गया कि इमरान खान को रावलपिंडी भेजा गया है। इमरान खान की गिरफ्तारी को गैर कानूनी ठहराने से जुड़ी याचिका इस्लामाबाद हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद आक्रोश और मुखर हो गया। रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय पर हमले के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोर कमांडरों के अलावा कई बड़े सैन्य अधिकारी शामिल हैं।

इमरान की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इमरान खान के समर्थकों के हंगामे के कारण पूरे देश में धारा 144 लागू कर दी गई है। सिंध को छोड़कर पाकिस्तान के तीन प्रांतों पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान में इंटरनेट बंद कर दिया गया। सोशल मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने फैसलाबाद शहर में गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के आवास पर भी पथराव किया। इसी तरह मुल्तान, झांग, गुजरांवाला, शेखूपुरा, कसूर, खानेवाल, वेहारी, गुजरांवाला, हाफिजाबाद और गुजरात शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। भारी विरोध को देखते हुए पाकिस्तान की सरकार ने बुधवार को देशभर में सभी निजी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। पीटीआई के कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। इस घटना के विरोध में पीटीआई ने पाकिस्तान बंद का ऐलान भी किया है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की नाटकीय गिरफ्तारी के बाद देश में राजनीतिक अशांति बढ़ गई है। इस बीच खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और बलूचिस्तान में सेना को बुलाया गया है क्योंकि हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई घायलों को पेशावर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हिंसा के आरोप में उनके सैकड़ों समर्थकों को गिरफ्तार किया है।
लेडी रीडिंग हॉस्पिटल (एलएचआर) के एक प्रवक्ता के अनुसार आपातकालीन कक्ष के डॉक्टरों को गोलियों से छलनी चार शव मिले हैं जबकि 27 अन्य का इलाज चल रहा है।

गृह मंत्रालय ने सैन्य सहायता को दी मंजूरी

गृह मंत्रालय ने सैनिकों की दस कंपनियों को मंजूरी देकर सहायता के लिए पंजाब सरकार के अनुरोध को मंजूरी दे दी है, जिसमें कहा गया है, “सेना कानून, व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए जिला प्रशासन के साथ काम करेगी”।

संघीय आंतरिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सैनिकों की सही संख्या/संपत्ति, तैनाती की तारीख और क्षेत्र का निर्धारण प्रांतीय सरकार द्वारा एमओ निदेशालय, जीएचक्यू के परामर्श से किया जाएगा।

अधिसूचना में कहा गया है, “उक्त तैनाती की गैर-आवश्यकता की तारीख दोनों हितधारकों के बीच पारस्परिक परामर्श के बाद बाद में तय की जाएगी।”

पंजाब में 945 गिरफ्तार

एक अलग बयान में पंजाब पुलिस ने कहा कि प्रांत में सरकारी संपत्ति, पुलिस बल और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अधिसूचना में कहा गया है, “पूरे प्रांत में हिंसक कृत्यों, तोड़फोड़, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है।” हिंसा के दौरान हमले में 130 से अधिक पुलिस अधिकारियों और कानून प्रवर्तन कर्मी “गंभीर रूप से घायल” हुए हैं। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पुलिस टीमों ने पूरे प्रांत से 945 कानून तोड़ने वालों और उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।

पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस और सरकारी एजेंसियों के 25 से अधिक वाहनों को नष्ट कर दिया गया या जला दिया गया। उन्होंने यह भी जानकारी साझा की है कि प्रदर्शनकारियों ने 14 से अधिक सरकारी भवनों पर हमला किया, लूटपाट की और सरकारी संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, पंजाब के महानिरीक्षक (आईजी) डॉ उस्मान अनवर ने यह जानकारी साझा की कि राज्य और कानून की रिट को चुनौती देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।उन्होंने फिर से पुष्टि की कि जो लोग नागरिकों, पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को घायल करते हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं उन्हें “न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”

पेशावर में हिंसा ने लिया घातक रूप

पुलिस के अनुसार हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पेशावर में कम से कम 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यहां कई कथित बदमाशों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। ये मामले सार्वजनिक और निजी संपत्ति, वाहनों, मेट्रो बसों और सरकारी एंबुलेंस को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दर्ज किए गए हैं। आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले की धाराएं भी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य स्रोतों से दंगाइयों और आगजनी करने वालों की पहचान की जा रही है।

पीटीआई ने सेना बुलाने पर पंजाब की आलोचना की

सेना की तैनाती पर पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने संघीय सरकार की खिंचाई की। उन्होंने सवाल किया, पंजाब में तैनाती के लिए सेना कैसे उपलब्ध हो गई, जब पहले कहा गया था कि यह “बहुत व्यस्त” (चुनाव ड्यूटी करने के लिए) है?

उन्होंने कहा, ‘हमें चेयरमैन इमरान खान की जान को खतरे को लेकर गंभीर चिंता है। हमारे नेता उन लोगों की हिरासत में हैं जिन्होंने उन्हें धमकी दी थी। दूसरी बात कल तक सेना बहुत व्यस्त थी और चुनाव के लिए उपलब्ध नहीं थी, लेकिन ऐसा क्या हो गया है कि आज पंजाब और केपी में सेना तैनात कर दी गई है? देश बेवकूफ नहीं है।”

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने कहा कि देश को इन हिंसक घटनाओं की निंदा करनी चाहिए।
खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने सभी हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।

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