देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन बड़े राज्यों में भाजपा को मिली जीत में ‘मोदी फैक्टर’ प्रमुख कारण रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राजस्थान और मध्यप्रदेश में 9 विधानसभाओं में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिनमें सभी पर भाजपा उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जलवा अब दूसरे राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश की कुल 9 विधानसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार किया था, जिनमें से सभी सीटों पर भाजपा ने जीत (फिलहाल निर्णायक बढ़त) हासिल की है। वह एक दिन में तीन-तीन जनसभाओं को संबोधित करते थे। उनके कई रोड शो भी हुए। जीत के लिहाज से धामी का स्ट्राइक रेट 100 फीसद रहा।
मुख्यमंत्री धामी ने भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में सबसे युवा मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। अपने जनहित से जुड़े कार्यों और धाकड़ फैसलों की वजह से मातृशक्ति और युवाओं के बीच उनकी खासी लोकप्रियता है। यही वजह है कि उत्तराखंड से बाहर अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में भी उनकी काफी डिमांड रहती है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा हाईकमान ने कई विधानसभा क्षेत्रों में धामी की जनसभाएं और रोड शो करवाए। उनके हर कार्यक्रम में बड़ी तादाद में भीड़ जुटी। राजस्थान में उन्हाेंने 6 विधानसभा क्षेत्रों सांगानेर, झोटवाड़ा, विराटनगर, सांगोद, रामगंज मंडी और डग विधानसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार किया था।
जनसभाओं के अलावा उन्होंने समाज के किसान और व्यापारी वर्ग से सीधा संवाद भी कायम किया था। उनके रोड शो भी सफल रहे। इन छह विधानसभाओं में भाजपा को शानदार जीत हासिल हुई है। इस जीत में धामी की मौजूदगी भी एक बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। सांगानेर से भजना लाल शर्मा, झोटवाड़ा सीट से राज्यवर्धन राठौर, विराटनगर से कुलदीप, सांगोद से हीरालाल नागर, रामगंज मंडी से मदन दिलावर और डग से कालूराम को विजय प्राप्त हुई।
मध्य प्रदेश में भी धामी ने तीन विधानसभा सीटों के कई स्थानों पर चुनाव प्रचार किया। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में भी उन्होंने प्रतिभाग किया। उन्हें ऐसी विधानसभा सीटों पर प्रचार में उतारा गया जहां उत्तराखंड मूल के लोगों की संख्या अधिक है। मध्य प्रदेश में जिन तीन विधानसभा सीटों पर धामी ने चुनाव प्रचार किया उनमें इंदौर-2, खुरई और सागर विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें क्रमश: भाजपा प्रत्याशी रमेश मेंदोला, भूपेन्द्र सिंह और शैलेन्द्र कुमार जैन को जीत मिली।
दरअसल, धामी ने बतौर मुख्यमंत्री अभी तक के अपने लगभग ढाई वर्ष के कार्यकाल में जनहित में कई साहसिक और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। जिनमें नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून लागू करना शामिल हैं। इसके अलावा जमीन जेहाद के खिलाफ चलाया गया उनका बुल्डोजर पूरे देश में चर्चा का विषय है। इतना ही नहीं समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर उनके द्वारा प्रदेश में की गई ठोस पहल को भी समूचे देश में सराहना मिली है। विस्तार ले रही रही उनकी लोकप्रियता की वजह से अन्य प्रदेशों के चुनाव में भी उनकी डिमांड बढ़ी है।