चंडीगढ़। पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने गोपी दल्लेवालिया गिरोह के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ मोगा शहर में संतोख सिंह की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गोपी एक घोषित अपराधी है और उसके खिलाफ 12 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।
डीजीपी ने कहा कि जांच में पता चला है कि गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी दल्लेवालिया और गौरव शर्मा उर्फ गोरू बच्चा हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड हैं। गोरू बच्चा को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया का करीबी माना जाता है।
डीजीपी ने बताया कि तीन पिस्तौल और 10 कारतूस बरामद किए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, संतोख सिंह की हत्या बिश्नोई और बंबीहा गिरोह के बीच गैंगवार का हिस्सा थी। यह हत्या जेल में गैंगस्टर गोरू बच्चा पर हुए हमले का बदला था।
17 जुलाई को, हमलावरों का एक समूह दिनदहाड़े मोगा के शहीद भगत सिंह नगर में एक हिस्ट्रीशीटर के घर में घुस गया और उसके पिता पर गोलियां चला दीं, जिसके मौके पर ही मौत हो गई। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
पुलिस ने मृतक की पहचान संतोख सिंह (65) के रूप में की, जिसका बेटा सुखदेव सिंह इस समय फरीदकोट जेल में बंद है।