नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि एक शांत और सुरक्षित राजस्थान जैसा प्रदेश अशोक गहलोत सरकार के दौरान पिछले 4 साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश का नंबर वन राज्य बन गया है। बिहार और बंगाल में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। लेकिन, गठबंधन की बात करने वाले मूकदर्शक बने हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और गांधी परिवार के लोग भी चुप हैं, मूकदर्शक बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है। अशोक गहलोत, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार या कोई भी मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता है। ठाकुर ने पूछा कि क्या विपक्ष के नेता अपने एक प्रतिनिधिमंडल को बंगाल, बिहार और राजस्थान जांच के लिए भेजेंगे, जैसे हमने अपने महिला सांसदों को बंगाल में भेजा था।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले चार सालों के दौरान राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ एक लाख 9 हजार अपराध हुए हैं। प्रदेश में पिछले चार सालों के दौरान 33 हज़ार महिलाओं के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई है और पूरे देश में होने वाले दुष्कर्म की घटनाओं में से 22 प्रतिशत दुष्कर्म की वारदात राजस्थान में हुई है।
कानून व्यवस्था को राज्य का विषय बताते हुए ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सभी राज्य सरकारों को महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मामले में कड़े कदम उठाने को कहा था। लेकिन, राजस्थान सरकार ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश पर कड़ा कदम उठाते हुए अपने ही एक मंत्री को सच बोलने के लिए सरकार से बर्खास्त कर दिया। उन्होंने बिहार और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की आलोचना करते हुए कहा कि गठबंधन की बात करने वाले राजनीतिक दल महिला सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से चुप हैं, उनके मुंह से एक भी बात नहीं निकलती है।
अनुराग ठाकुर ने बिहार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि देश के कुछ राज्यों में महिलाओं के प्रति अत्याचार और दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक भी हैं, क्योंकि कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि बहुत सारे राज्यों में यह देखा गया है कि बहुत सारी घटनाएं घटने के बाद भी कानून व्यवस्था को लेकर उचित कदम नहीं उठाए गए और ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार भी करती हैं। लेकिन, कुछ लोग राजनीतिक चश्मे से ही सब चीजों को देखते हैं। नारी अस्मिता बिहार में तार-तार है लेकिन नीतीश-तेजस्वी के चश्मे से बिहार में बहार ही बहार है। बेगूसराय में जो हुआ, वह सबके सामने है। लेकिन, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरफ से एक शब्द भी ना आना यह दिखाता है कि महिलाओं के प्रति अपराध और अपराध करने वालों को संरक्षण भी दिया जा रहा है।
प्रियंका गांधी के ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ के इलेक्शन नारे पर कटाक्ष करते हुए ठाकुर ने आगे कहा कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ लेकिन राजस्थान नहीं जा सकती हूं, बिहार पर मुंह में दही जमा सकती हूं, बंगाल पर होंठ सिल सकती हूं। उन्होंने कहा कि एक तरफ शांति धारीवाल जैसे मंत्री को विवादित बयान देने के बावजूद बचा लिया जाता है, वहीं दूसरी तरफ सच बोलने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को गहलोत सरकार से बर्खास्त कर दिया जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के गृह जिले से लेकर राजस्थान के अन्य जिलों में महिलाओं के खिलाफ हुई आपराधिक वारदातों का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से सवाल पूछा।
अनुराग ठाकुर ने बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा और वारदातों पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि ममता बनर्जी में ममता नाम की कोई चीज नहीं बची रह गई है, ममता निर्ममता का प्रतीक बन गई हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से कह रही है कि वह संसद में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष के एक नेता जो अब सांसद नहीं रहे हैं, के कहने पर संसद को नहीं चलने दिया जा रहा है। समाधान चर्चा से निकलेगा संसद के बहिष्कार से नहीं। जहां तक मणिपुर का सवाल है, कार्रवाई हो रही है, गिरफ्तारियां की जा रही हैं। दोषी कोई भी हो किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों के सांसदों को चुनौती देते हुए कहा कि सोमवार को जब वे संसद आएं तो अपने-अपने प्रदेशों में हुए महिला अपराध की सूची भी लेकर आएं।