जयपुर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर चल रहे तनाव के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्रिपरिषद की आपात बैठक की। बैठक में राज्य के सीमावर्ती जिलों में आपदा राहत तैयारियों, प्रशासनिक समन्वय और जनसुरक्षा पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक सचिवों को अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर संपर्क बनाए रखने और सभी आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने राज्य की लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जोर देते हुए निवासियों से जिम्मेदारी से काम करने, अफवाहों से बचने और सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी की गई सत्यापित सूचनाओं पर ही भरोसा करने का आग्रह किया। सीएम शर्मा ने पुलिस और प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट रहने और जनता की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं के साथ समन्वय में सलाह को सख्ती से लागू करने का भी आह्वान किया है।
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने पुष्टि की कि कैबिनेट ने किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयारियों की समीक्षा की और स्थानीय प्रशासन को तत्काल कार्रवाई के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए। बैरवा ने घोषणा की कि सीमावर्ती जिलों में रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती शुरू हो गई है। इसमें उप-मंडल अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार जैसे पद और बिजली, पेयजल और स्वास्थ्य विभागों में प्रमुख भूमिकाएं शामिल हैं। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष के शिथिल प्रावधानों के तहत बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों के लिए 5-5 करोड़ रुपये और जोधपुर, हनुमानगढ़ और फलौदी के लिए 2.5-2.5 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके अलावा, आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए राज्य आपदा प्रबंधन कोष से 19 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। आरएसी, एसडीआरएफ और बॉर्डर होमगार्ड से अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती भी शुरू कर दी गई है। संवेदनशील क्षेत्रों में दमकल और एंबुलेंस सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है।