पटना- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर इस बार के लोकसभा चुनाव में नवादा संसदीय सीट से अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं।
भाजपा की ओर से बिहार की सभी 17 लोकसभा सीटों को लेकर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया है। सीटो में तालमेल के तहत लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के कोटे से भाजपा के हिस्से में आई नवादा सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.पी.ठाकुर के पुत्र और राज्यसभा सासंद विवेक ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। विवेक ठाकुर पहली बार लोकसभा के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं उनकी राह में रोड़े अटकाने के लिये राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी श्रवण कुश्वाहा और निर्दलीय उम्मीदवार विनोद यादव खड़े हैं। दोनो नेता भी पहली बार लोकसभा के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे का औपचारिक ऐलान होने से पहले ही लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों को सिंबल देना शुरु कर दिया । श्री यादव ने नवादा से श्रवण कुशवाहा को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। इस बीच नवादा लोकसभा सीट के लिए श्रवण कुशवाहा को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद राजद नेता और पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव के भाई विनोद यादव ने नाराज होकर राजद के सभी पद से इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है।
वहीं, कुछ दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस ने सीट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का दामन छोड़ दिया था। नवादा सीट से चंदन सिंह ने वर्ष 2019 के चुनाव में लोजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। चंदन सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी और पूर्व बाहुबली विधायक राजवल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को पराजित किया था। लोजपा में टूट के बाद चंदन सिंह अपने बड़े भाई सूरजभान सिंह के साथ पशुपति पारस के खेमे में शामिल हो गये थे। बताया जा रहा था कि पूर्व बाहुबली सांसद और आरएलजेपी केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह अपने भाई चंदन सिंह को भाजपा के टिकट पर नवादा से ही चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन बात नहीं बन सकी।