मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित रामपुर तिराहा कांड में तत्कालीन गृह सचिव डॉ. दीप्ति विलास को साक्ष्य के लिए समन भेजे गए हैं। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तिथि तय की है।
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह, उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और रजनीश चौहान ने बताया कि सरकार बनाम मिलाप सिंह और राधा मोहन की पत्रावलियों की सुनवाई चल रही है। बुधवार को सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने समन की प्रक्रिया पूरी कराई।
अदालत ने तत्कालीन गृह सचिव डॉ. दीप्ति विलास के साक्ष्य के लिए 12 सितंबर की तिथि तय की है। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे।
देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे।