वाराणसी। सावन के अधिक मास में इस बार छठे सोमवार पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसी दिन सावन महीने की शिवरात्रि भी पड़ रही है। दोनों तिथियां एक साथ होने पर विशेष संयोग माना जा रहा है। सोमवार को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर अधिक मास की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी, जो अगले दिन 15 अगस्त को अपरान्ह 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगी।
ज्योतिषविदों के अनुसार, सावन के छठे सोमवार के दिन बेहद ही दुर्लभ योग बन रहा है। इस दिन महादेव की विधिवत आराधना से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होगी। उधर, सावन मास के छठे सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ दरबार में बाबा के शंकर पार्वती गणेश स्वरूप का खास श्रृंगार होगा। शिवभक्त महादेव के पूरे परिवार का एक साथ दर्शन कर सकेंगे। अधिक मास से इस वर्ष श्रावण माह दो महीने का है। ऐसे में आठ सोमवार पड़ रहे हैं। बाबा विश्वनाथ के पावन ज्योर्तिलिंग का हर सोमवार को अलग अलग स्वरूपों में श्रृंगार हो रहा है। सावन के सातवें सोमवार को बाबा के अर्धनारीश्वर स्वरूप, आठवें और अन्तिम सोमवार को काशी पुराधिपति का रुद्राक्ष श्रृंगार होगा।
गौरतलब हो कि सावन माह में बाबा विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। दरबार में पांचवे सोमवार तक 88 लाख शिव भक्तों ने दर्शन पूजन किया था। अनुमान है कि छठे सोमवार तक यह आंकड़ा एक करोड़ पार हो जायेगा। मंदिर प्रशासन के अनुसार सावन के पांचवें सोमवार को शाम 7 बजे तक 6 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया था। सावन के पहले सोमवार को 5 लाख 15 हजार, दूसरे सोमवार को 6 लाख 9 हजार, तीसरे सोमवार 5 लाख 87 हजार, चौथे सोमवार को लगभग 6 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में दर्शन किये। दरबार में हर सोमवार को औसतन पांच से छह लाख शिवभक्त मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे है। वहीं, सावन माह में प्रतिदिन औसतन 1.5 लाख श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं।