शामली। नगर पालिका के रजिस्ट्रर में अवैध लाभ लेकर मकान को फर्जी तरीके से दर्ज किए जाने के मामले में की गई शिकायत पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर नगर पालिका के दो बाबू व शिकायर्ता के एक भाई के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट जारी किए है। सोमवार को पुलिस ने नगर पालिका के दोनों बाबू व शिकायतकर्ता के भाई को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश कर दिया है। जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।
शहर के मौहल्ला फव्वारा चौक बूढाबाबू निवासी गोपाल पुत्र ताराचंद ने गत 3 मार्च 2020 को सीजेएम कोर्ट में वाद पत्र लेकर आरोप लगाया कि पिछले 25 साल से मकान नंबर 245 वार्ड संख्या 22 का मूल निवासी है।
पिता की मृत्यु के बाद पारिवारिक बटवारे में पीडित का नाम वर्ष 2008 से नगर पालिका शामली के भवनकर व जलकर रजिस्ट्रर में दर्ज चला आ रहा है, जबकि अन्य भाईयों के नाम भी अलग अलग भवनों में दर्ज है, लेकिन नगर पालिका कर संग्रहकर्ता विनोद पुत्र प्रेम सिंह, लिपिक लक्ष्मण पुत्र रतन सिंह ने बिना जांच किए सोहनबीरी का नाम जालसाजी व हेराफेरी कर दर्ज कर दिया, जबकि उक्त भवन के संबंध में सिविल जज सीनियर डिविजन कैराना के यहां भी मुकदमा विचाराधीन है। जिसका कोर्ट द्वारा कोई भी निर्णय नही लिया गया है।
पीडित का आरोप है कि गत 7 जनवरी 2019 को सोहनबीरी के मकान दर्ज किए जाने के खिलाफ नगर पालिका में आपत्ति दाखिल की गई थी, लेकिन दोनों बाबूओं ने अवैध रूप से सोहनबीरी से अवैध लाभ लेकर नगर पालिका के कागजात में हेराफेरी करके पीडित की आपत्ति को छिपाते हुए अवैधानिक तरीके से सोहनबीरी का नाम दर्ज कर दिया। आरोप यह भी है कि सोहनबीरी के स्थान पर भवन संख्या 245 पर कागजों में हेराफेरी करके देवेन्द्र के नाम को दर्ज किया गया। पुलिस शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नही हुई तो न्यायालय की शरण लेनी पडी।
न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई की और दोनों बाबू सहित पीडित की मां व भाई के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट जारी करते हुए पुलिस को कोर्ट में पेश किए जाने के निर्देश दिए गए। सोमवार को पुलिस ने कार्यवाही करते हुए दोनों बाबूओं सहित पीडित के भाई को कोर्ट में पेश किया। जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।