नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के अनुसार देश में हिंदुओं की आबादी घटने और मुसलमानों की आबादी बढ़ने को लेकर वार-पलटवार का दौर जारी है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय मुस्लिम महासभा और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष की प्रतिक्रिया सामने आई है।
राष्ट्रीय मुस्लिम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद साहिबे आलम ने कहा, “मेरी समझ से यह संकीर्ण मानसिकता और तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा है। आपको सोचना चाहिए कि जब से मुल्क आजाद हुआ है, तब से लेकर फैमिली प्लानिंग हेल्थ ऑफ इंडिया के सर्वे के अनुसार मैं समझता हूं कि गैरमुस्लिम भाइयों की यानी हिंदुओं की आबादी भी तेजी से बढ़ी है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुसलमानों की आबादी बढ़ी है।”
उन्होंने कहा कि यह साफ हो गया है कि हिंदुओं और मुसलमानों के प्रति आपका नजरिया क्या है। फैमिली प्लानिंग या जनसंख्या नियंत्रण की अगर हम बात करें तो इसमें सभी वर्गों की राय शामिल करनी चाहिए न कि किसी वर्ग विशेष के ऊपर आपको तंज कसनी चाहिए। इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से बचना चाहिए।
वहीं, दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बरेलवी ने कहा कि जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। हर तबके के लोगों की आबादी में बढ़ोतरी हुई है। जाहिर है कि गरीब या कमर तबके वाले लोगों की आबादी में बढ़ोतरी कुछ ज्यादा हुई होगी। इसे किसी धर्म से जोड़कर देखना गलत है, हर तबके की अपनी-अपनी आबादियां हैं। जो लोग पढ़-लिख जाते हैं संपन्न हो जाते हैं वो अपनी आबादी पर कंट्रोल करते हैं चुकी उन्हें समझ आ जाती है कि कम बच्चे होंगे तो तालीम और तरबियत अच्छी होगी।