मुजफ्फरनगर। फिशरमैन कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में बुढाना तहसील में पिछडे वर्ग की जातीय जनगणना, आबादी के अनुपात में आरक्षण, पिछडे वर्ग के आरक्षण को तीन वर्गो में बांटने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।
प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कश्यप ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के पश्चात भी पिछड़े वर्ग की अधिकतर जातियों की राजनीतिक सामाजिक शैक्षिक और आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि 1931 के बाद पिछड़े वर्ग की जातिगत जनगणना के आंकड़े नहीं है।
वर्ष 2011 में केंद्र की यूपीए वाली कांग्रेस सरकार ने जनगणना में जातिगत और आर्थिक आंकड़े जुटाए, लेकिन 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार आ गई बाद में केंद्र की बीजेपी सरकार ने जनगणना में पिछड़े वर्ग के जातिगत और आर्थिक आंकड़े पेश नहीं किए और 2021 में होने वाली जनगणना को भी अभी शुरू नहीं कराया गया।
जिला महासचिव रामेश्वर कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले अपने आप को पिछड़ी जाति का बताया था, जबकि पिछले 9 वर्ष की मोदी सरकार ने पिछड़े वर्ग के लिए कोई काम नहीं किया। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछड़े वर्ग की जाति का जनगणना आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग करने और पिछड़े वर्ग की इस लड़ाई को मजबूती से लडऩे के लिए कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को जातिगत जनगणना कराने के लिए 16 अप्रैल को पत्र लिखा।
सोनू कश्यप ने कहा कि सरकार से पिछड़े वर्ग की जातिगत जनगणना आबादी के अनुपात में आरक्षण पिछड़े वर्ग को पिछड़ा अति पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा में विभाजित कर और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को एससी-एसटी आरक्षण की तर्ज पर संवैधानिक दर्जा देने की मांग की।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से समंदर सेन कश्यप, बृजमोहन कश्यप, संजीव पाल, ओमपाल सिंह, अंकित कुमार, बोबी कश्यप, पप्पू प्रजापति, एहसान सैफी, सरवन कुमार, राकिब, समीर अल्वी, जावेद अंसारी, संजीव कश्यप, ओमप्रकाश कश्यप, नरेश कश्यप आदि रहे।