जयपुर। राइट टू हैल्थ बिल पर आंदोलन कर रहे रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने गुरुवार से आंदोलन खत्म कर वापस काम पर लौटने का एलान किया है। रेजिडेंट्स के इस फैसले से प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक और दूसरे डॉक्टर्स के आंदोलन को बड़ा झटका लगा है।
जयपुर रेजीडेंट्स डॉक्टर्स की एसोसिएशन (जार्ड) में इस निर्णय को लेकर दो फाड़ की स्थिति हो गई है। रेजीडेंट्स डॉक्टरों के गुट ने रात करीब 12 बजे अलग से जनरल बॉडी की मीटिंग करते हुए फैसले को मानने से इनकार कर दिया और आगे भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।
देर रात मेडिकल हैल्थ एजुकेशन के सेक्रेट्री और अन्य अधिकारियों संग हुई रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की बैठक में चार मांगों पर सहमति बनने के बाद जयपुर रेजीडेंट्स समेत दूसरे जिलों के मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया। गुरुवार को राजकीय अवकाश होने के कारण ओपीडी केवल 2 घंटे (सुबह 9 से 11 बजे तक) ही संचालित हुई।
एसएमएस हॉस्पिटल के आरडी हॉस्टल के रेजिडेंट्स ने हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही एक लेटर एसएमएस प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा को लिखकर अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है। इसके लिए बकायदा इन डॉक्टर्स की ओर से एक संघर्ष समिति बनाने का भी एलान किया है।
वार्ता में सीनियर रेजीडेंट्स को वर्तमान वेतन में डीए के साथ हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) दिए जाने के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भिजवाए। साल 2020 के बाद प्रवेश लेने वाले रेजीडेंट्स के लिए जारी बॉण्ड पॉलिसी के तहत सीनियर रेजीडेंट्स एलॉटमेंट प्रक्रिया की प्रभावी नीति बनाने के लिए रेजीडेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाए। वर्तमान में जिन रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने पिछले दिनों हड़ताल के कारण छुट्टी की उसे डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित करके वेतन की कटौती न की जाए जैसे मुद्दों पर सहमति बनी है।