Sunday, May 19, 2024

चुनाव आयोग के एक सदस्य का इस्तीफा चिंताजनक: शरद पवार

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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि चुनाव आयोग के एक सदस्य का इस्तीफा देना चिंताजनक है। इस्तीफे के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है। इसलिए हम चुनाव प्रणाली को लेकर चिंतित हैं। पवार ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई सिर्फ विपक्षी नेताओं तक सीमित है। उन्होेंने 15 से 17 के बीच चुनाव कार्यक्रम घोषित होने की संभावना जताई है।

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार सोमवार को पुणे में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। पवार ने कहा कि इससे पहले कभी भी इतने बड़े पैमाने पर नेताओं के खिलाफ सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया गया। विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए ईडी, सीबीआई या अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सिस्टम का दुरुपयोग हो रहा है। कर्नाटक के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया। लेकिन, कोर्ट ने कांग्रेस के डीके शिवकुमार को निर्दोष बरी कर दिया। इससे पता चलता है कि ईडी का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा रहा है।

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पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में भी यही हो रहा है। ऐसी ही कार्रवाई अनिल देशमुख के खिलाफ भी की गई है। अब रोहित पवार पर भी कार्रवाई की जा रही है। चीनी मिल सरकार और बैंक ने बेच दी। सबसे अधिक बोली लगाने वाले को फैक्ट्री दे दी गई। पवार ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में जानबूझ कर एक सक्रिय कार्यकर्ता को रोकने और दहशत फैलाने के लिए ईडी की कार्रवाई की गयी है।

शरद पवार ने पत्रकारों के सामने सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आंकड़ों को रखते हुए कहा कि ईडी के पास दर्ज 5 हजार 906 मामलों में से सिर्फ 25 मामलों पर ही फैसला आया है। पिछले ग्यारह सालों में ईडी ने 141 नेताओं की जांच की। इनमें से 85 फीसदी नेता विपक्षी नेता थे। साथ ही 115 नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई। इनमें से 24 कांग्रेस से, 19 तृणमूल कांग्रेस से, 18 एनसीपी से, आठ शिवसेना से हैं। पार्टी नेताओं में डीएमके के 6, राजद के 5, समाजवादी पार्टी के 5, सीपीएम के 5, आप के 3, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 2, एमएनएस के 1, पीडीपी के 2, एआईडीएमके के 1 और टीआरएस के 1 नेता शामिल हैं।

 

 

ईडी की ओर से एक मुख्यमंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री, विपक्षी पार्टी के 14 मंत्री, 24 सांसद, 21 विधायक, 7 पूर्व सांसद, 11 पूर्व विधायक जैसे नेताओं पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक कांग्रेस के कार्यकाल में ईडी ने 26 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इन 24 में कांग्रेस के पांच नेता थे और भाजपा के 3 नेता थे। इससे पता चलता है कि यूपीए के दौरान ईडी राजनीतिक मकसद से काम नहीं कर रही थी। पवार ने ईडी पर केंद्रीय सत्ता के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है।

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