पटना। बिहार विधान परिषद की पांच सीटों पर हुए चुनाव में सत्ताधारी महागठबंधन को जहां झटका लगा है, वहीं भाजपा को लाभ हुआ है। इसके आलावा बिहार में राजनीति जमीन तलाश रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के समर्थित एक उम्मीदवार विजयी हुआ है। शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में हुए इस चुनाव में भाजपा को जहां दो सीटें मिली हैं वहीं कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के डॉ संजीव कुमार और सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से डॉ वीरेंद्र नारायण यादव जीत हासिल कर अपनी सीटें बचाने में सफल रहे।
सबसे बड़ा उलटफेर सारण शिक्षक निर्वाचन सीट के उपचुनाव में देखने को मिला जहां महागठबंधन समर्थित सीपीएम उम्मीदवार आनंद पुष्कर को हार का सामना करना पड़ा। यहां प्रशांत किशोर की जन सुराज समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद ने जीत हासिल कर ली।
इस परिणाम के बाद बिहार विधान परिषद में भाजपा अब सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। विधान परिषद की पांच सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने दो पर जीत हासिल की है। इस दो पर जीत के बाद विधान परिषद में भाजपा सदस्यों की संख्या 24 हो गई है। वहीं, चुनाव परिणाम के बाद जदयू के सदस्यों की संख्या 24 से घटकर 23 हो गई है।
बिहार विधानपरिषद में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी बनने पर सम्राट चौधरी ने कार्यकर्ताओं को बधाई दी है तथा मतदाताओं का आभार जताया है। भाजपा ने गया शिक्षक और स्नातक क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाया है, जिससे भाजपा विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के कुशल नेतृत्व में भाजपा बिहार विधान प्ररिषद में सबसे बड़े दल के रूप में स्थापित हो गई है।
विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बनने से उत्साहित विधान परिषद में विपक्ष के नेता चौधरी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के मेहनत के बिना यह संभव नहीं था।