अयोध्या- रामनगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान किया जा रहा है।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार देर रात रामलला का नूतन विग्रह रामजन्मभूमि परिसर में पहुंच गया था जिसे गणेशाम्बिका पूजन, वरुण पूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याह वाचन, मातृका पूजन, वसोर्धारा पूजन (सप्तघृत मातृका पूजन), आयुव्यमन्त्र जप, नान्दी श्राद्ध, आचार्यादि ऋत्विग्वरण, मधुपर्क पूजन, मण्डप प्रवेश, पृथ्वी-कूर्म-अनन्त-वराह-यज्ञभूमि पूजन, दिग्रक्षण, पंचगव्य प्रोक्षण, मण्डपांग वास्तु पूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्र वेष्टन, दुग्ध धारा, जलधारा करण, षोडश स्तम्भ पूजनादि, मण्डप पूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादि पूजा), मूर्ति का जलाधिवास, गन्धादिवास, सायंकालिक मंत्रोच्चारण के द्वारा पूजन किया जा रहा है।
बुधवार देर रात श्रीरामलला की रजत प्रतिमा को पालकी में विराजमान कर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं यजमान डा. अनिल मिश्रा ने जन्मभूमि परिसर का भ्रमण कराया, जिसमें काशी से आये विद्वान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन करते रहे। इस दौरान गर्भगृह में पुष्प वर्षा की गयी। पूरे परिसर में जगह-जगह पर सुंदर सजावट भी की गयी थी। गर्भगृह से सिंहासन, पूजन शुरू हो गया है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यास भूमि के अनुसार राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला को शुक्रवार सुबह औषधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और सायंकाल धान्याधिवास को मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न कराया जायेगा। इस अनुष्ठान में काशी के श्रद्धेय गणेश शास्त्री, द्राविड़ एवं प्रमुख आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित सम्मिलित होंगे।
गौरतलब है कि बुधवार देर शाम रामसेवकपुरम् से बंद डीसीएम में विग्रह को रखकर रामजन्मभूमि के गेट नं. दो से प्रवेश कराया गया था। मूर्तिकार अरुण योगीराज के द्वारा तराशी गयी 51 इंच की प्रतिमा श्याम रंग की है, जिसका वजन दो टन बताया गया है। फिलहाल प्रतिमा को अभी ढका गया है। प्रतिमा धर्म पथ, राम पथ और भक्ति पथ से होती हुयी प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंची, इसके बाद दशरथ महल के रास्ते रंगमहल से होते हुए रामजन्मभूमि परिसर के गेट पर पहुंची।जगह-जगह श्रद्धालुओं ने फूलों से वर्षा कर अपने भगवान का स्वागत किया था और जय श्री राम के जयकारे लगाया था।
यात्रा में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय सहित वैदिक आचार्यों की टीम शामिल रही। इस दौरान सुरक्षा के लिये एटीएस, पीएससी, सिविल पुलिस के कड़े पहरे भी देखे गये। विग्रह के परिसर में पहुंचने से पहले ड्रोन से निगरानी की गयी और जिन-जिन मार्गों से ड्रोन गुजरा उनको पूरी तरह खाली करा दिया गया था।