लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने लोकसभा चुनाव के बीच पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को अपना त्याग पत्र भेज दिया है। त्याग-पत्र में उन्होंने लोकतंत्र को समाप्त नहीं होता देखने की बात कही है।
लोकसभा चुनाव 2024 का चुनावी बिगुल बज चुका है। इस चुनावी सियासत में लगातार नेताओं को दल बदलने और सियासी धड़ेबाजी देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय लोकदल में यह सिलसिला नहीं थम रहा है। इसी क्रम में रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। उनके त्यागपत्र से रालोद को पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारियों को झटका दिया है।
अपने त्यागपत्र को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक के बाद एक तीन पोस्ट कर कारण भी बताया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि, मैंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष को भेज दिया है। मैं ख़ामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता। मैं जयंत सिंह और आरएलडी मैं अपने साथियों का आभारी हूँ।
उन्होंने जयंत चौधरी को भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा कि हमने छह वर्षों तक एक साथ काम किया है और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। मैं, एक तरह से, आपको एक सहकर्मी से अधिक एक छोटे भाई के रूप में देखता हूँ। हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर और विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे और सम्मान का माहौल बनाने में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं। धर्मनिरपेक्षता और हम दोनों जिन संवैधानिक मूल्यों को संजोते हैं, उनके प्रति आपकी प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं कर सकता। आपके दिवंगत दादा, भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी, आपके दिवंगत पिता अजीत सिंह जी और आपके समय से, आप सभी और वास्तव में आपके द्वारा बनाई गई पार्टी इन मूल्यों के लिए खड़ी रही है।