नई दिल्ली। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने ग्रंथ और परंपराओं को लेकर बड़ा बयान दिया है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि हमारे यहां पहले ग्रंथ नहीं थे, मौखिक परंपरा से चलता आ रहा था। बाद में ग्रंथ इधर-उधर हो गए और कुछ स्वार्थी लोगों ने ग्रंथ में कुछ-कुछ घुसाया जो गलत है। इसी के साथ आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उन ग्रंथों, परंपराओं के ज्ञान की फिर एक बार समीक्षा जरूरी है।