मुरादाबाद। संभल हिंसा के पीड़िता से मिलने के लिए विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता के नेतृत्व में संभल जाने वाले सांसदों, विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल के 10 से अधिक जनप्रतिनिधियों और सपा नेताओं को पुलिस ने शनिवार काे हिरासत में ले लिया व नजरबंद कर दिया।
मुरादाबाद सपा सांसद कुंवरानी रुचि वीरा, पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांठ विधायक कमाल अख्तर, असमौली विधायक पिंकी यादव, मुरादाबाद सपा जिला अध्यक्ष जयवीर यादव समेत 10 से अधिक सपा नेताओं को पुलिस ने आज संभल जाने नहीं दिया। मुरादाबाद सपा सांसद ने प्रेस वार्ता कर कहा कि डेलिगेशन के सदस्यों को जगह-जगह रोकने व नजरबंद करने के चलते शनिवार को संभल जाने का कार्यक्रम पार्टी सुप्रीमो के निर्देश पर स्थागित कर दिया गया।
संभल जाने वाले प्रतिनिधि मंडल में शामिल मुरादाबाद महानगर के सिविल लाइंस क्षेत्र में रह रहीं सांसद कुंवरानी रुचि वीरा के आवास पर सुबह होते ही पुलिस टीम पहुंच गई थी। इसके बाद सांसद रुचि वीरा अपने कार्यकर्ताओं के साथ जैसे ही अपने आवास से संभल के लिए चलने लगी तो पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया। इस दौरान सांसद और पुलिस के बीच काफी तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान सपा नेताओं ने नारेबाजी आरंभ कर दी। सांसद पुलिस के पुख्ता इंतजामों के कारण अपने आवास से नहीं निकल पाई।
दोपहर बाद सपा सांसद कुंवरानी रुचि वीरा ने आवास पर मौजूद पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि संभल की हिंसात्मक घटना की न्यायिक व निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और उप्र सरकार को सभी मृतकों के आश्रित पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए।
सांसद ने आगे कहा कि उप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय व विधान परिषद में विपक्ष के नेता लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में मुज़फ्फरनगर सांसद हरेंद्र मलिक , कैराना सांसद इकरा हसन आदि आज संभल आने वाले सांसदों व विधायकों के प्रतिनिधि मंडल के साथ उन्हें भी संभल जाना था, वहां की हिंसा में मृतकों के परिवारों से मिलकर उनकी पीड़ा सुननी थी मगर मुरादाबाद स्थित उनके उनके घर के बाहर भारी सुबह से पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यह उप्र सरकार की नाकामी और अलोकतांत्रिक कदम का परिणाम है। जनता को न्याय दिलाने के लिए सपा प्रतिबद्ध हैं और हमेशा रहेगी।
सांसद ने बताया कि पुलिस प्रशासन की हठधर्मिता के चलते डेलिगेशन में मौजूद सभी सांसद विधायकों को उनके आवासों पर नजरबंद कर दिया गया या फिर बीच मार्ग में रोककर थाने में बैठा दिया। इसी के चलते पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज संभल में सपा डेलीगेशन भेजने के प्रोग्राम को स्थागित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सपा का डेलिगेशन जरूर संभल जाएगा। इसकी तारीख जल्दी तय होगी। साथ ही सपा सांसद ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इस न्यायिक जांच कमेटी के अध्यक्ष हों।
सपा सांसद रुचि वीरा ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए आगे बताया कि संभल हिंसा में जिन पांच लोगों का कत्ल हुआ है, उनके परिजनाें को समाजवादी पार्टी पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद करेगी। साथ ही उप्र सरकार से हम मांग करते हैं कि सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। मृतकों के परिजन के साथ पार्टी की संवेदनाएं हैं।