लखनऊ । सहकार भारती के गन्ना प्रकोष्ठ के प्रमुख कर्मवीर सिंह ने कहा कि गन्ना विभाग में पंजीकृत सहकारी समितियों के निर्वाचन विगत कई बार से किन्ही ना किन्हीं कारणों से स्थगित हैं जिससे समितियों की प्रजातांत्रिक व्यवस्था बाधित हो रही है। इसलिए जल्द से जल्द गन्ना सहकारी समितियों के चुनाव कराये जायें। वह सहकार भारती उत्तर प्रदेश की ओर से आयोजित बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि चित्रकूट में संपन्न प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि उत्तर प्रदेश शासन व राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग से गन्ना सहकारी समितियां व निर्वाचन अवशेष अन्य सहकारी समितियां के निर्वाचन के लिए अनुरोध किया जाए। जिससे सहकारी गन्ना समितियां व अन्य अवशेष में सदस्य प्रबंधन व्यवस्था स्थापित हो सके।
उन्होंने कहा कि गन्ना समितियां में चुनावी प्रक्रिया ना होने के कारण वर्तमान में अधिकांश गन्ना समितियों में अनेक प्रकार का भ्रष्टाचार व्याप्त है। गन्ना किसानों का यह दुर्भाग्य रहा है कि अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना समितियों का पारदर्शी चुनाव कराने की कोई रणनीति खुलकर सामने नहीं आयी है। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना समितियां का चुनाव न कराए जाने के कारण गन्ना किसानों का प्रतिनिधित्व भी ठीक से नहीं हो पा रहा और किसानों का गन्ना मिलों पर हजारों करोड रुपए का बकाया है जबकि सरकारी शासनादेश के अनुसार गन्ना किसानों का 15 दिनों में भुगतान करना सुनिश्चित किया गया है।
सहकार भारती ने गन्ना मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग ,मुख्य निर्वाचन आयुक्त उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति चुनाव आयोग इत्यादि को गन्ना समितियों के चुनाव जल्द संपन्न करने के लिए पत्र भी लिखा है।
बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय, प्रदेश संगठन प्रमुख डॉ अरुण कुमार सिंह, प्रदेश संपर्क प्रमुख अशोक शुक्ला, प्रदेश मंत्री कृष्ण कुमार ओझा, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह और प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक राय उपस्थित रहे।