Sunday, October 6, 2024

सहारनपुर का शहद विदेशियों को भी भा रहा है, ऑस्ट्रेलिया से मिला ऑर्डर, मोम भी होगा निर्यात

सहारनपुर। काष्ठ हस्तशिल्प और आम के साथ ही जनपद का शहद भी दुनिया भर में पसंद किया जा रहा है। इसके चलते विश्व के कई देशों में यहां से शहद का निर्यात हो रहा है। गंगोह के एक मधुमक्खी पालक और निर्यातक को ऑस्ट्रेलिया से 44 हजार किलाे शहद और दस हजार किलो मोम का ऑर्डर मिला है। इसमें से शहद की करीब आधी मात्रा ऑस्ट्रेलिया भेजी जा चुकी है। जनपद का मधुमक्खी पालन में प्रदेश में प्रमुख स्थान है। यहां पर साढे़ पांच हजार से अधिक लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं।

 

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

मौनपालकों के पास सौ से लेकर कई-कई हजार तक मधुमिक्खयों के डिब्बे हैं। मधुमक्खी फरवरी से अप्रैल महीने में सरसों, यूकेलिप्टस, लीची, आम आदि से शहद प्राप्त करती हैं। जनपद के मौनपालक इसके बाद मधुमक्खियों के डिब्बों को अलीगढ़ से लेकर राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तराखंड ले जाते हैं। वहां मधुमक्खियां सूरजमुखी, नीम, लाही, सहजन आदि से शहद एकत्र करती हैं। जनपद के मौनपालकों के प्रतिवर्ष आठ से दस हजार क्विंटल शहद का उत्पादन लेने का अनुमान है। जनपद में अच्छी उत्पादकता को देखते हुए गंगोह में बड़े मधुमक्खी पालक अजय सैनी ने शहद प्रसंस्करण इकाई स्थापित की है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया से 44 हजार किलो शहद और दस हजार किलो मोम निर्यात करने का ऑर्डर प्राप्त हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया से 44 हजार किलो शहद और दस हजार किलो मोम का ऑर्डर मिला है। इसमें से 22 हजार किलो शहद ऑस्ट्रेलिया भेजा जा चुका है। शेष ऑर्डर को पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे न सिर्फ देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी बल्कि स्थानीय मौनपालकों के शहद का भी बढि़या भाव मिलने में मदद मिलेगी। विदेशों में मल्टी फ्लोरा, जामुन, अजवाइन, लीची और तुलसी शहद की काफी मांग है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,445FollowersFollow
115,034SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय