लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले विपक्षी नेताओं को घेरा। कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी उस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। कहा कि पत्र लिखने वाले नेता भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोप में फंसे हैं। कहा कि सपा की सरकार घोटालेबाज सरकार थी। अगर भ्रष्टाचार भूषण का अवॉर्ड मिले, तो वो अखिलेश यादव को देना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार घोटालेबाज सरकार थी। अगर भ्रष्टाचार भूषण का अवॉर्ड मिले, तो वो अखिलेश यादव को देना चाहिए। कहा कि सपा भी भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी रही है। गोमती रिवर फ्रंट, जेपीएनआईसी घोटाला, ग्रेटर नोएडा जमीन अधिग्रहण घोटाला, खनन घोटाला और लैपटॉप घोटाला व खाद्यान्न घोटाला सपा सरकार के समय में ही हुआ था।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पुलिस भर्ती घोटाला, समाजवादी पेंशन घोटाला, 2000 करोड़ का एम्बुलेंस घोटाला भी सपा सरकार के समय ही हुआ था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को भ्रष्टाचार भूषण का अवार्ड मिलना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, पुलिस भर्ती और समाजवादी पेंशन में भी बड़ा घोटाला हुआ। चयन आयोग भी घोटाले से अछूता नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि आज अचानक सपा सरकार के घोटाले कैसे खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा के नेता जनता के सामने झूठी तस्वीर बढ़-चढ़कर पेश कर रहे हैं। इसलिए आज सामने आकर हकीकत बता रहा हूं। कानून का राज स्थापित करने वाली कार्रवाई होती रहेगी।
उन्होंने कहा कि अखिलेश, जिन एक्सप्रेस-वे का जिक्र करते नहीं थकते हैं। उनके निर्माण में भी घोटाला हुआ। पशुपालन में भी घोटाला हुआ। सांडों को लगाने के लिए आए इंजेक्शन, सिर्फ खपाए गए।
गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पांच मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
पत्र में कहा गया कि 26 फरवरी 2023 को दिल्ली में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी काफी लंबी कवायद के बाद और बिना कोई सबूत साझा किए की गई। सिसोदिया पर लगाए गए सभी आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। इस कार्रवाई से पूरे देश की जनता में रोष है। मनीष सिसोदिया को स्कूल शिक्षा में शानदार बदलाव लाने के लिए जाना जाता है। ऐसे में सिसोदिया का गिरफ्तारी दुनिया के सामने राजनीतिक साजिश का उदाहण पेश करती है। इससे इस बात को भी बल मिलता है कि भारत में लोकतांत्रिक मूल्य भाजपा शासन में खतरे में हैं।