नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सिसोदिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए याचिका लगाई है।
प्रारंभ में, मुख्य न्यायाधीश ने सिंघवी से कहा कि वह हाई कोर्ट जा सकते हैं। लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ता ने तत्काल सुनवाई पर जोर दिया।
चीफ जस्टिस ने तब कहा कि शीर्ष अदालत मंगलवार को ही मामले की सुनवाई करेगी।
सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने सिसोदिया को पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने आप नेता को चार मार्च तक हिरासत में भेजने का अपना आदेश सुनाया।
आठ घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने रविवार को सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था।
केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक पंकज गुप्ता ने दलील दी, “जांच में सामने आया है कि सिसोदिया ने मौखिक रूप से सचिव को नीति में बदलाव लाने के लिए नया कैबिनेट नोट डालने का निर्देश दिया था। वह आबकारी नीति के लिए कैबिनेट द्वारा गठित मंत्रियों के समूह का नेतृत्व कर रहे थे।”
“लाभ मार्जिन को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया था। वह यह नहीं बता सके कि बदलाव क्यों किए गए।”