नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। घाटी भर में 1500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें वे लोग शामिल हैं जो आतंकी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) माने जाते हैं या पूर्व में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं।
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हमले के बाद पहलगाम और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है। साथ ही, सीमावर्ती राज्य पंजाब में भी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
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गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार, 23 अप्रैल 2025 को हमले के स्थल का दौरा किया। उन्हें घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी गई, साथ ही उन संभावित रास्तों के बारे में भी बताया गया, जिनसे आतंकवादी इस घने देवदार के जंगलों से घिरे पर्यटन स्थल तक पहुंचे हो सकते हैं। पहलगाम श्रीनगर से लगभग 110 किलोमीटर दूर स्थित है।
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इस हमले के मद्देनज़र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी लद्दाख की प्रस्तावित दो दिवसीय यात्रा रद्द कर दी है। उन्हें 25 और 26 अप्रैल को लद्दाख का दौरा करना था। उन्होंने बुधवार को करीब ढाई घंटे चली उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस आतंकी हमले की तीखी निंदा की गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित कई वैश्विक नेताओं ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हमले के दोषियों की तलाश में जुटी हैं, और पहलगाम सहित पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है।