Saturday, May 11, 2024

थकान को अपने पर हावी न होने दें

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

अकारण होने वाली थकान आधुनिक युग की एक बीमारी बन चुकी है। ऐसे व्यक्ति जो थका देने वाले शारीरिक या मानसिक कार्य नहीं करते, उन्हें भी थकान हमेशा घेरे रहती है। थकान की अनुभूति जब आपके शरीर में स्थायी रूप से घर कर जाती है तब जाकर यह समस्या जटिल हो जाती है।

जहां सामान्य थकावट एक सहज प्राकृतिक प्रक्रिया है वहीं असामान्य थकावट एक प्रकार का रोग है जिसका यथाशीघ्र निदान किया जाना आवश्यक है। असामान्य थकान भी शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर हो सकती है। हमेशा चिन्तामग्न रहना, भूख न लगना, काम क्रिया के प्रति अरूचि, तनाव, अनिद्रा, मानसिक उदासीनता, चिड़चिड़ापन, स्फूर्ति और उत्साह का अभाव आदि स्थायी थकान के सामान्य लक्षण हैं।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

इसके अतिरिक्त मधुमेह, खून की कमी, थाइराइड ग्रन्थि का असंतुलन, भोजन में पोषक तत्वों की कमी, शरीर में लेक्टिक अम्ल की वृद्धि आदि भी थकान पैदा करने वाले अन्य प्रमुख कारक हैं।
बढ़ते हुए मोटापे के कारण शरीर पर चर्बी बढऩे लगती है और इस वजह से ग्रन्थियां सक्रिय नहीं रह पाती। इसी प्रकार मोटापा भी स्थायी थकान को आमंत्रित करता है। शारीरिक दुर्बलता की स्थिति में भी आदमी को थकान की शिकायत हो सकती है। दुर्बल व कमजोर व्यक्ति सामान्य सा परिश्रम करने से ही थक कर चूर हो जाता है।

थकान का तात्कालिक और सबसे महत्त्वपूर्ण उपचार है विश्राम। थके हुए शरीर और मन को पूर्ण रूप से विश्राम की आवश्यकता होती है। आराम से लेटकर या बैठकर अपनी सुविधानुसार विश्राम करके भी आप थकावट से निजात पा सकते हैं।

विश्राम की प्रक्रिया को दो भागों में बांटा जा सकता है, अल्पकालिक विश्राम तथा पूर्ण विश्राम। अल्पकालिक विश्राम में जब व्यक्ति दो-चार घंटे या अधिक समय से निरंतर कार्यरत है और एक प्रकार की थकान अनुभव करने लगता है तो बीच में कुछ समय अन्तराल देकर उस दौरान चाय पीकर या पान आदि लेकर, थोड़ा घूम फिर कर या गप्पें लड़ाकर विश्राम कर लेता है।

इससे कार्य की संकल्पता से उत्पन्न हुई बोरियत और थकावट दूर हो जाती है और व्यक्ति खुद को पुन: तरोताजा पाने लगता है। अल्पकालिक विश्राम न केवल थकावट दूर करता है बल्कि व्यक्ति की कार्यक्षमता में भी वृद्धि करता है।
जहां तक पूर्ण विश्राम की बात है तो वह व्यक्ति नींद के माध्यम से प्राप्त करता है। किसी भी कार्य में नष्ट हुई ऊर्जा को पुन: प्राप्त करने केे लिए निर्विध्न नींद अति आवश्यक है।

नींद का अभाव मनुष्य को थका कर विभिन्न रोगों की ओर धकेलता है, अत: पर्याप्त नींद अच्छे स्वास्थ्य की प्रथम व अनिवार्य शर्त है।
थकान की शिकायत वाले मरीज को अपने आहार में चोकरदार आटे से बनी रोटी और सफेद चीनी के स्थान पर प्राकृतिक शर्करा का उपयोग करना चाहिए। यह थकान की शिकायत को दूर करता है। मनुष्य को सदैव स्फूर्तिवान बने रहने के लिए अपने आहार में हरी सब्जियां, दूध, पनीर, छाछ, सलाद, अंकुरित गेहूं, शहद आदि को पर्याप्त स्थान देना चाहिए।

निरन्तर शारीरिक निष्क्रियता तन-बदन को एक आलस भरी थकान से सराबोर कर देती है। टहलना, खेलना, कूदना, नियमित व्यायाम करना व्यक्ति की कार्यक्षमता को बीस प्रतिशत तक बढ़ाते हैं। मानसिक कार्य करने वालों के लिए तो शारीरिक व्यायाम और भी अधिक आवश्यक है।

थकान का शरीर से जितना संबंध है, उससे कहीं अधिक यह आपकी मन स्थिति से ताल्लुक रखती है। यदि आप थकान जैसे रोग से पीडि़त हैं तो अपनी समूची जीवनशैली का आत्मावलोकन कीजिए और तनाव के कारणों को खोजकर उन्हें दूर कीजिए। अपनी अभिरूचियों को व्यापक आधार देकर आप न केवल बोरियत व थकान से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि सृजन की यह रचनात्मक शक्ति आपके व्यक्तित्व के विकास के लिए भी बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।

थकान चाहे शारीरिक हो या मानसिक, आमतौर पर रहन-सहन, खानपान, नियमित व्यायाम व मानसिक स्तर पर समुचित परिवर्तन कर उसे दूर किया जा सकता है। असामान्य थकान की सूरत में अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय