Sunday, April 28, 2024

अनमोल वचन

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

आज गुरू पूर्णिमा है। इस सृष्टि में अनन्त गुण, अनन्त विद्याएं और कलाएं हैं। इन सबके बावजूद हम अपने को अधूरा, अतृप्त और नीरस अनुभव करते हैं।

ऐसा इसलिए होता है कि हमारे भीतर अज्ञानता है, अंधकार है। हम प्रेरक शक्ति के अभाव में स्वयं अपना पथ नहीं निर्धारित कर पाते। सर्वत्र बिखरे आनन्द के भोक्ता हम नहीं बन पाते। इसी समय हमें सद्गुरू की आवश्यकता होती है, जो हमें अंधकार से निकाल कर प्रकाश की ओर अग्रसर कर दें और दुखों से मुक्त कराकर जीवन में आनन्द बिखेर दें।

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सद्गुरू की प्रेरणा और मार्ग दर्शन में ही शिष्य का यह वर्तमान जीवन प्रकाश से भर उठता है, उसकी चिंताओं का समाधान होता है, जिससे जीवन खुशियों से भर जाता है। गुरू के समाधान से सारी शंकाएं और जीवन में आये सारे दोष एवं अवगुण दूर हो जाते हैं।

कहा गया है कि आपके जीवन में गुरू रूपी सहयोगी अवश्य होना चाहिए, जो आपको आपके आत्म बल से परिचित कराता रहे। गुरू ही वह शक्ति है, जो निरन्तर आपको आत्मबल प्रदान कराता है और आत्म प्रकाश से जगमगा देता है। पूज्य गुरूदेव को नमन।

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