नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज केस में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दोनों जांच एजेंसियों को 28 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिंघवी ने दलील दी कि सिसोदिया की पत्नी की वाकई हालात खराब है। उनका 50 फीसदी शरीर विकलांग हो चुका है। ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया।
सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। तीन जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 28 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी के मुताबिक सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। ईडी के मुताबिक आबकारी नीति में फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत ली गई।
ईडी के मुताबिक कोई भी नीति हवा में नहीं बनाई जाती है। मंत्री समूह की बैठक में लाइसेंस फीस और प्रॉफिट मार्जिन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। याचिका में सिसोदिया की ओर से कहा गया है कि सिसोदिया के खिलाफ मनी लांड्रिंग का कोई मामला ही नहीं बनता है। ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है। याचिका में कहा गया है कि मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत किसी भी तरह का अपराध सिसोदिया ने नहीं किया। कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन किया गया है। ईडी ने इस मामले में सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।