चंडीगढ़। विश्व के सबसे बड़े लंगर में जूठन व सूखी रोटियों का घोटाला सामने आया है। अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब में हुए इस घोटाले के बाद एसजीपीसी ने रविवार को जांच बिठाकर दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। यह पहला मौका है जब दरबार साहिब में चलने वाले लंगर की जूठन व बचत में घोटाला सामने आया है।
दरबार साहिब में 24 घंटे लंगर चलता है। यहां रोजाना औसतन एक लाख से अधिक लोगों के लिए खाना बनता है। लंगर में सूखी रोटियों, जूठन, चोकर रूला, चढ़ावे के माह और चावल आदि भी बचते हैं, जिसकी बकायदा नीलामी की जाती है। एक अप्रैल, 2019 से दिसंबर, 2022 के बीच हुई नीलामी और बिक्री की हुई जांच में सबसे पहले 25 लाख का घोटाला सामने आया, जो बाद में 65 लाख तक पहुंच गया।
एसजीपीसी ने जब अपने स्तर पर जांच शुरू की, तो यह घोटाला एक करोड़ को पार कर गया। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि लंगर में हुई प्रशासनिक अनियमितताओं का सच पारदर्शी तरीके से संगत के सामने रखा जाएगा। जांच में पता चला कि नीलामी के बाद जो पैसा जमा होना चाहिए था, वे जमा ही नहीं करवाया गया।
फ्लाइंग विभाग की तरफ से आरोपी ठहराए गए दो स्टोरकीपरों से लाखों रुपये वसूलने का आदेश दिया है। दोनों स्टोरकीपर अगर पैसे जमा नहीं करवाते तो हेराफेरी के वाउचरों पर जिन मैनेजरों के साइन हैं, उन्हें पैसे जवा करवाने होंगे। फ्लाइंग टीम की तरफ से की गई जांच में करीब 18 लोग जिम्मेदार ठहराए गए हैं, जिनमें मैनेजर, स्टोरकीपर, सुपरवाइजर, इंस्पेक्टर आदि हैं।