पटना। बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए में सीट बंटवारे के बाद अब जो तस्वीर उभरकर सामने आई है, उसमें साफ है कि कई सांसद टिकट से वंचित हो जाएंगे। इस चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में एनडीए की तस्वीर बदल गई है और सीटों में भी अदला-बदली की गई है। पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए में भाजपा के साथ जदयू और लोजपा थी, लेकिन इस चुनाव में एनडीए के सहयोगियों की संख्या बढ़ी है। इस चुनाव में एनडीए के घटक दल भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा आपसी तालमेल के साथ चुनाव मैदान में होंगे।
पिछले चुनाव में गया से जदयू के प्रत्यशी विजय कुमार विजयी हुए थे, लेकिन इस चुनाव में यह सीट हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के कोटे में चली गई, इसी तरह काराकाट सीट भी जदयू को राष्ट्रीय लोक मोर्चा के लिए के छोड़नी पड़ी। पिछले चुनाव में यहां जदयू के महाबली सिंह रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा को पराजित किया था। दूसरी तरफ, भाजपा के पास पहले शिवहर सीट थी, जो अब जदयू के पास चली गई है। नवादा पहले लोजपा के पास थी, जो अब भाजपा के पास चली गई है। पिछले चुनाव में शिवहर से भाजपा की रमा देवी विजयी हुई थीं, जबकि नवादा से लोजपा के टिकट पर चंदन सिंह विजई हुए थे।
उल्लेखनीय है कि लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो धड़ों में बंट गई। लोजपा के छह सांसदों में से पांच सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोजपा में चले गए, जबकि चिराग पासवान ने अलग पार्टी लोजपा (रामविलास) बना ली। इस चुनाव में पशुपति पारस की पार्टी एनडीए का हिस्सा नहीं बन सकी। ऐसे में तय है कि एनडीए की रणनीति में बदलाव और सीटों के परिवर्तन से कई सांसद बेटिकट हो जाएंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से राजू तिवारी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से रजनीश कुमार ने भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में संयुक्त प्रेस वार्ता कर सीटों के बंटवारे का ऐलान किया। बिहार में भाजपा 17 और जदयू 16 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि चिराग पासवान की पार्टी हाजीपुर सहित 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के खाते में एक-एक सीट गई है।