नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य ने न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत विरोधी तत्व, सुप्रीम कोर्ट को औजार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
पांचजन्य ने अपने संपादकीय में यह कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट भारत का है जो भारत के करदाताओं की राशि से चलता है, उसका काम उस भारतीय विधान और विधियों के अनुरूप काम करना है जो भारत के हैं, भारत के लिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय नामक सुविधा का सृजन और उसका रखरखाव हमने अपने देश के हितों के लिए किया है। लेकिन वह भारत विरोधियों के अपना मार्ग साफ करने के प्रयासों में एक औजार की तरह प्रयुक्त हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को नोटिस भेजे जाने का मुद्दा उठाते हुए पांचजन्य के संपादकीय में लिखा गया है कि मानवाधिकारो के नाम पर आतंकियों को बचाने, पर्यावरण सरंक्षण के नाम पर भारत के विकास में रोड़े अटकाने, भारत की प्रतिरक्षा तैयारियों में अड़ंगा लगाने के बाद अब भारत विरोधी ताकतें एक कदम आगे बढ़कर यह प्रयास कर रही है उन्हें भारत में दुष्प्रचार करने का अधिकार होना चाहिए,भारत में धर्मांतरण करके राष्ट्र को कमजोर करते रहने का अधिकार भी होना चाहिए और इतना ही नहीं, इस अधिकार के प्रयोग के लिए भारत के ही कानूनों को लाभ भी उन्हें मिलना चाहिए।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को पूरी तरह से गलत और कल्पना पर आधारित बताते हुए पांचजन्य ने इसे भारत की छवि खराब करने वाला प्रोपेगेंडा बताया और कहा कि भारत विरोधी तमाम शक्तियां हमारे लोकतंत्र की, हमारी उदारता की और हमारे सभ्यागत मानकों की सुविधाओं का लाभ हमारे खिलाफ अपनी मुहिम में उठाने की कोशिश करती है।