मेरठ- उत्तर प्रदेश के मेरठ में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश से पचास साल पुराना तीन मंजिला एक मकान भरभरा कर गिर गया जिसमें एक ही परिवार के तीन बच्चों समेत दस लोगों की मलबे में दब जाने से मौत हो गई है।
रविवार तड़के तक चले बचाव अभियान के बाद नौ शवों को मलबे से निकाला जा सका। संकरी गलियां होने के कारण जेसीबी के मौके पर पहुंचने में होने वाली परेशानी और तेज बारिश बचाव कार्य में बाधक बनी रही।
पुलिस ने रविवार को बताया कि जाकिर कॉलोनी गली नंबर सात में 90 वर्षीया बुजुर्ग महिला नफो उर्फ नफीसा का करीब 50 साल पुराना तीन मंजिला मकान था। बताया गया है कि मकान के निचले हिस्से में नफो के बेटे डेयरी चलाते थे। जबकि ऊपर की दोनों मंजिलों पर नफो के बेटे साजिद पत्नी सायमा और नईम पत्नी अलीशा 5 वर्षीय बेटी रिमशा, नदीम पत्नी फरहाना, 2 वर्षीय बेटा हमजा, शाकिर पत्नी साहिबा समेत 15 लोग रहते थे।
शनिवार शाम करीब 5 बजे तेज धमाके के साथ पूरा मकान भरभराकर गिर गया जिसमें सभी 15 लोग मलबे में दब गये। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस एवं प्रशासन के तमाम आला अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरु करवाया।
बचाव अभियान में पुलिस के साथ क्षेत्रवासी भी लगे रहे लेकिन संकरी गलियों में एंबुलेंस और जेसीबी के पहुंचने में परेशानी और तेज बारिश की वजह से मलबा हटाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद मलबे में दबे लोगों को निकाला जा सका।
देर रात 11 बजे तक 40 वर्षीय साजिद, उसकी पत्नी साइमा, बेटा साकिब और बेटी 15 वर्षीय सानिया, रिया, पड़ोसी सुफियान, डेढ़ वर्षीय सिमरा को घायल अवस्था में मलबे से निकाल लिया गया। तमाम घायलों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान नफीसा, साजिद और सानिया, साकिब, रिया, सिमरा, फरहाना और तीन अन्य की मौत हो गई जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया कि कई अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका के मद्देनजर एनडीआरएफ टीम देर रात तक मलबा हटाने के काम में लगी रही। उन्होंने बताया कि पांच घायलों का अस्पताल में उपचार किया जा रहा है जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।