इंदौर | मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसे लेकर न सिर्फ राजनीतिक भूचाल आया, बल्कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के डीजीपी को एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी जारी कर दिया।
बयान से उठा विवाद
विजय शाह ने इंदौर जिले के महू तहसील के रायकुंडा गांव में आयोजित एक हलमा कार्यक्रम में भाषण देते हुए कहा –
“जिन्होंने सिंदूर उजाड़ा, हमने उन्हीं की बहन को भेजकर…”
इस बयान को लेकर अनुमान लगाया गया कि वे कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर इशारा कर रहे थे, जो कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रवक्ता रही हैं। उनका यह बयान वायरल होते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वतः संज्ञान लिया और राज्य सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने चार घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया और कहा कि ऐसे बयान न केवल महिला अधिकारियों का अपमान हैं, बल्कि सेना की गरिमा को भी ठेस पहुंचाते हैं।
देशभर में विरोध प्रदर्शन
इस बयान के बाद कांग्रेस, बसपा और AIMIM समेत कई राजनीतिक दलों ने विजय शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर प्रदर्शन कर नामपट्ट पर कालिख पोती।
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बसपा प्रमुख मायावती ने मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
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AIMIM नेता वारिस पठान ने इसे ‘सेना का अपमान’ बताते हुए मंत्री की गिरफ्तारी की मांग की।
विजय शाह की सफाई और माफी
बढ़ते दबाव के बीच विजय शाह ने अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा:
“मेरा इरादा किसी का अपमान करना नहीं था। यदि किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं 10 बार माफी मांगता हूं। सोफिया कुरैशी मेरे लिए बहन से बढ़कर हैं।”
हालांकि, राजनीतिक विरोधियों ने उनकी माफी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कड़ी कार्रवाई की मांग जारी रखी।
भाजपा का डैमेज कंट्रोल
भाजपा ने विवाद को शांत करने की कोशिश में कर्नल सोफिया कुरैशी के घर प्रतिनिधियों को भेजा, जिन्होंने उनके परिवार से मिलकर उन्हें “देश की बेटी” कहा और पार्टी का रुख स्पष्ट किया।