नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी स्थित उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र के निवासियों को सड़कों पर बहते सीवर के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों का आरोप है कि चारों ओर बदबू फैली हुई है लेकिन सरकार सुध नहीं ले रही। स्थानीयों ने मुख्यमंत्री आतिशी से गुहार लगाई है। खफा भी हैं कि वो इलाके में आने वाली थीं लेकिन ऐन वक्त पर दौरा टाल दिया। दरअसल, उत्तम नगर विधानसभा के बिंदापुर इलाके के लोग पिछले कई महीनों से जल जमाव से परेशान हैं। यहां पर गली से लेकर मुख्य सड़क तक सीवर का पानी फैला हुआ है, जिससे 24 घंटे दुर्गंध आती है। यहां बीमारियों का खतरा बना ही रहता है। लोगों की माने तो हर घर में कोई न कोई बीमार है।
गंदे पानी से होकर लोगों को निकलना पड़ता है। परेशान होकर प्रताप गार्डन के लोगों ने दिल्ली की नवनियुक्त सीएम आतिशी से समस्या के तुरंत निपटारे को लेकर गुहार लगाई। स्थानीय निवासी गुड्डू ने आईएएनएस को बताया कि वो प्रताप गार्डन में पिछले 30 साल से रह रहे हैं और स्थायी निवासी हैं। मुख्यमंत्री आतिशी करीब एक महीने पहले यहां का दौरा करने वाली थीं, लेकिन आनन-फानन में उनके इस दौरे का रूट बदलना पड़ा, क्योंकि यहां पर समस्या ज्यादा थी। यहां की समस्या को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के आला अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन वो हमेशा नजरअंदाज करते रहे हैं। आतिशी जी अब मुख्यमंत्री बनी हैं, लेकिन सारे मंत्रालय वो पहले से ही देख रही थीं।
मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि वो यहां पर आएं और समस्या का समाधान करवाएं। एक अन्य निवासी ने कहा कि आतिशी दिल्ली में जगह-जगह घूम रही हैं और सड़कों के गड्ढों को भरने का निर्देश दे रही हैं, तो हम चाहते हैं कि वो हमारे इलाके में भी आएं, जहां पर पिछले एक साल से हालात बिल्कुल खराब है। यहां पर छोटे-छोटे बच्चे बीमार हैं, किसी भी घर में चले जाइए, वहां पर डेंगू, टाइफाइड और पीलिया के पीड़ित मिलेंगे। हम आतिशी जी का ध्यान आकर्षित करने के लिए हाथों में तख्ती लेकर खड़े थे, ताकी वो अपना विधायक और पार्षद को यहां पर काम करने के लिए कहें।
एक अन्य निवासी सचिन राजपूत ने बताया कि उत्तम नगर विधानसभा के अंतर्गत प्रताप गार्डन के अंदर हालत इतनी खराब है कि बीते 15 अगस्त को भी इस स्थिति में खड़े थे और दो अक्टूबर का स्वच्छता अभियान भी खत्म हो चुका है, तो भी हम इस स्थिति में खड़े हैं। उन्होंने बताया कि अगर एमसीडी वाले लोग आते हैं तो उनको पैसे देकर सफाई करानी पड़ती है। अगर चुनाव के समय में यह स्थिति है तो उससे पहले कितनी खराब स्थिति रही होगी। यहां पर हर घर के अंदर बीमारी फैली हुई है।