चंडीगढ़। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दरबार साहिब लंगर घोटाले में कार्रवाई करते हुए मंगलवार को 51 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। कर्मचारियों के निलंबन के आदेश एसजीपीसी प्रधान की तरफ से मंगलवार को जारी किए गए।
दरबार साहिब में 24 घंटे लंगर चलता है। यहां रोजाना औसतन एक लाख से अधिक लोगों के लिए खाना बनता है। लंगर में सूखी रोटियों, जूठ, चोकर रूला, चढ़ावे के माह और चावल आदि भी बचते हैं, जिसकी बकायदा नीलामी की जाती है। एक अप्रैल, 2019 से दिसंबर, 2022 के बीच हुई नीलामी और बिक्री की हुई जांच में सबसे पहले 25 लाख का घोटाला सामने आया, जो बाद में 65 लाख तक पहुंच गया। अब यह घोटाला एक करोड़ पार हो चुका है, जिसके बाद एसजीपीसी ने बड़ी कार्रवाई की है।
एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि यह मामला सामने आने के बाद एसजीपीसी के फ्लाइंग विभाग की तरफ से जांच की गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि निलंबित किए गए कर्मचारियों में उस समय के दौरान तैनात रहे प्रबंधक, सुपरवाइजर, स्टोर कीपर, गुरुद्वारा इंस्पेक्टर आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 51 कर्मचारियों में से दो कर्मचारियों को पहले ही शुरुआती जांच में निलंबित कर दिया गया था। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधों में किसी प्रकार की कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी दौरान एसजीपीसी की तरफ से भगवंत सिंह धंगेड़ा को दरबार साहिब का महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है। वर्तमान में वह एसजीपीसी के चंडीगढ़ उप-कार्यालय में इंचार्ज के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।