शामली। शामली में मंदिर के पास खुले नॉनवेज होटल को बंद करने की मांग पर अड़े स्वामी यशवीर महाराज ने अब कैराना की सांसद इकरा हसन को भी चेतावनी दे दी है। वहीं यशवीर महाराज और हिंदू संगठनों पर दर्ज किए गए मुकदमे को वापस लेने का प्रशासन ने आश्वासन दिया है। प्रशासन के आश्वासन पर चेतावनी ज्ञापन देने का कार्यक्रम हिंदू संगठनों ने स्थगित कर दिया।
स्वामी यशवीर महाराज ने सांसद इकरा हसन पर बयान देते हुए कहा कि इकरा हसन अपनी राजनीति करें, सनातन धर्म के मामलों में हस्तक्षेप ना करें नहीं तो इसका जवाब दिया जाएगा।
शामली जनपद के थानाभवन में स्थित मंदिरों के पास खुले नॉनवेज होटल को बंद कराने के लिए स्वामी यशवीर महाराज एवं हिंदू संगठन के लोगों ने 29 सितंबर के दिन होटल के बाहर ही अपना विरोध जताते हुए एक हिंदू पंचायत का आयोजन किया था।
जिसके बाद थानाभवन पुलिस ने स्वामी यशवीर महाराज एवं हिंदू संगठन के 40 से अधिक लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
मुकदमा दर्ज होने की सूचना से हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। 10 अक्टूबर को हिंदू संगठनों एवं स्वामी यशवीर महाराज ने शामली जनपद एवं थानाभवन में पुलिस को एक चेतावनी ज्ञापन देने की घोषणा की थी। जिसमें मुकदमे को निरस्त कराए जाने एवं मंदिरों के पास खुले नॉनवेज होटल को बंद करने की मांग की जा रही थी।
हिंदू संगठनों के आक्रोश को देखते हुए शामली जिला प्रशासन ने संतो के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए उन्हें मुकदमा निरस्त करने का आश्वासन दिया एवं मंदिरों के पास खुले कई होटलो के लाइसेंस निरस्त करने की जानकारी दी।
इसके बाद स्वामी यशवीर महाराज ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन ने उनकी मांग को मान लिया है। इसलिए उन्होंने 10 अक्टूबर को होने वाले अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है।
वही सांसद इकरा हसन द्वारा मुस्लिम होटलो को खुलवाने के लिए भी बयान दिया गया था। इसको लेकर स्वामी यशवीर महाराज ने कहा कि जनप्रतिनिधि सभी का होता है ।
उन्हें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपनी राजनीति करें, सनातन धर्म के मामलों में हस्तक्षेप ना करें। अगर वह इस तरह का कार्य करेंगी तो उन्हें जवाब दिया जाएगा।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला कई दिन से प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ था।
ज्ञात हो कि स्वामी यशवीर महाराज हिंदूओ से जुड़े मामलों को अक्सर प्रमुखता से उठाते हैं वहीं वह उस समय चर्चाओं में आये जब उन्होंने कावड़ मार्ग पर मुस्लिम ढाबों पर देवी देवताओं के नाम से खोले गए ढाबों पर होटल मालिको के नाम लिखे जाने की मांग की थी।